Reservation पर गरमाई देश की सियासत, नड्डा बोले- भाजपा आरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 12, 2020

नयी दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है। भाजपा अध्यक्ष का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। भाजपा ने जहां आरक्षण के प्रति अपने समर्थन को रेखांकित किया, वहीं सहयोगी पार्टी लोजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने मांग की कि इस मामले में सभी दलों को साथ आना चाहिए और आरक्षण से जुड़े सभी कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल देना चाहिए ताकि कानूनी चुनौती से बचा जा सके। भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने अपने बयान में कहा कि कुछ लोग आरक्षण के बारे में समाज में भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।

नड्डा ने कहा, ‘‘ मोदी सरकार और भाजपा आरक्षण के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है। सामाजिक न्याय के प्रति हमारी वचनबद्धता अटूट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार इस संकल्प को दोराहया है। सामाजिक समरसता और सभी को समान अवसर हमारी प्राथमिकता है।मै स्पष्ट करता हूँ, भाजपा आरक्षण व्यवस्था के साथ है।’’ वहीं, लोक जन शक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता एवं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, ‘‘आरक्षण के मुद्दे पर बार बार विवादउठता रहता है। आरक्षण, बाबा साहेब आंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच हुए पूना पैक्ट की उपज है। इसपर सवाल उठाना, पूना पैक्ट को नकारना है। मंडल कमीशन पर फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जाति/जनजाति के मामले का संबंध अस्पृश्यता से है।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लोक जनशक्ति पार्टी सभी राजनीतिक दलों से मांग करती है कि पहले भी आप सभी इस सामाजिक मुद्दे पर साथ देते रहे हैं, फिर से इकठ्ठा हों। बार-बार आरक्षण पर उठने वाले विवाद को खत्म करने के लिए आरक्षण संबंधी सभी कानूनों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए मिलकर प्रयास करें।’’ पासवान ने कहा कि संविधान के मुताबिक अनुसूचित जाति/जनजाति पहले से ही पिछड़ा है। संविधान में प्रदत्त अधिकारों के तहत न सिर्फ अनुसूचित जाति/जनजाति बल्कि अन्य पिछड़े वर्ग और ऊंची जाति के गरीब लोगों को भी आरक्षण दिया गया है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। न्यायालय ने तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी उम्मीदवारों के लिए कोटे को लेकर दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई करने हुए यह टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने द्रमुक, अन्नाद्रमुक, माकपा, वाइको की एमडीएमके, ए रामदास की पीएमके, तमिलनाडु कांग्रेस समिति, भाकपा को मद्रास उच्च न्यायालय से सम्पर्क करने को कहा।

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