By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 10, 2021
बैंकॉक। सैन्य शासित म्यांमार में भ्रष्टाचार रोधी आयोग ने कहा कि सत्ता से बेदखल की गई नेता आंग सान सू ची ने रियल एस्टेट सौदों में फायदे के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और रिश्वत ली। सरकार के नियंत्रण वाले मीडिया ने बृहस्पतिवार को यह खबर दी। सू ची के वकीलों ने पहले ही इन आरोपों को खारिज कर दिया था जब सैन्य सरकार ने पहली बार तीन महीने पहले इन मुद्दों को उठाया था। सेना ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार का फरवरी में तख्तापलट कर दिया था। सू ची के समर्थकों का कहना है कि सभी आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और उनकी छवि को खराब करने तथा सेना के सत्ता छीनने को वैध बनाने की कोशिश है।
म्यांमा के लोग इस तख्तापलट को लेकर नाखुश हैं और उन्होंने पिछले आम चुनावों में सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी को भारी संख्या में वोट दिया था। किसी भी अपराध में दोषी पाए जाने पर सू ची को अगला चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जा सकता है। जुंटा ने दावा किया कि वह अगले साल या दो साल के भीतर नए चुनाव कराएगा लेकिन देश की सेना का चुनाव कराने का वादा करने और फिर ऐसा न करने का लंबा इतिहास रहा है। फरवरी के तख्तापलट के बाद से ही सू ची ऐसी सूचना फैलाने के आरोपों का सामना कर रही हैं जिससे अशांति पैदा हो सकती थी। वह 2020 के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कोविड-19 महामारी संबंधी पाबंदियों को कथित तौर पर तोड़ने के लिए प्राकृतिक आपदा प्रबंधन कानून के उल्लंघन के आरोपों का भी सामना कर रही हैं। साथ ही उन पर औपनिवेशिक काल के शासकीय गोपनीयता कानून के उल्लंघन का भी आरोप है।
सरकारी ‘ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार’ अखबार में बृहस्पतिवार को प्रकाशित एक खबर में कहा गया है कि भ्रष्टाचार रोधी आयोग की जांच पर आधारित शिकायतें बुधवार को संबंधित पुलिस थानों में दर्ज करायी गयी। सरकारी टेलीविजन एमआरटीवी समेत अन्य मीडिया संगठनों ने भी ऐसी ही खबर दी है। खबर में कहा गया है कि सू ची पर भ्रष्टाचार रोधी कानून की धारा 55 के तहत आरोप लगाए गए हैं जिसमें उन्हें अधिकतम 15 साल की जेल हो सकती है।
सू ची और उनकी पार्टी की वकील की विन ने कहा कि उनकी कानूनी टीम सू ची के साथ इन पर तब चर्चा करेगी जब वह अन्य आरोपों पर अदालत की अगली सुनवाई में मिलेंगे। बृहस्पतिवार को आयी खबर में कहा गया है कि भ्रष्टाचार रोधी आयोग ने पाया कि सू ची ने यंगून क्षेत्र के पूर्व मुख्यमंत्री से गैरकानूनी तौर पर 6,00,000 डॉलर की घूस और सोने की सात छड़ें लीं। साथ ही इसमें कहा गया है कि सू ची ने अपनी मां के नाम पर बने एक परमार्थ फाउंडेशन के लिए बाजार से कम कीमत पर किराये की संपत्ति लेने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया।