Nitish Kumar की इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं होंगे मुस्लिम संगठन, इस बहिष्कार का बिहार विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?

FacebookTwitterWhatsapp

By एकता | Mar 23, 2025

Nitish Kumar की इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं होंगे मुस्लिम संगठन, इस बहिष्कार का बिहार विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, बिहार के सात प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने नीतीश की इफ्तार पार्टी का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। संगठनों का कहना है कि यह फैसला पूरी सूझबूझ और रणनीति के साथ लिया गया है। बता दें, नीतीश की इफ्तार पार्टी आज पटना में होनी थी। ऐसे में मुस्लिम संगठनों के इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।


इमारत-ए-शरिया, जमात-ए-इस्लामी, जमात अहले हदीस, खानकाह मोजिबिया, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद और खानकाह रहमानी ने रविवार को नीतीश द्वारा पटना में आयोजित की जा रही इफ्तार से दूरी बनाई है। मुस्लिम संगठनों ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 'मुंह में राम और बगल में छुरी' वाली राजनीति कर रहे हैं।

 

इसे भी पढ़ें: हमें बिखरा हुआ नहीं, बल्कि एकजुट दिखना चाहिए... Kapil Sibal ने इंडिया ब्लॉक को दी सलाह


बायकॉट का फैसला क्यों?

इमारत शरिया के जनरल सेक्रेटरी मुफ्ती सईदुर्रहमान ने आजतक से बातचीत में कहा, 'केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए वक्फ संशोधन बिल पर जेडीयू ने समर्थन का फैसला लिया है, उस नजरिए से हमने मुख्यमंत्री की इफ्तार पार्टी का बायकॉट किया है।' जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में आरोप लगाया कि ये नेता सरकार के 'संविधान विरोधी कदमों' का समर्थन कर रहे हैं।

 

इसे भी पढ़ें: Saurabh Rajput Murder Case: जेल में नशे के लिए बुरी तरह तड़प रहे मुस्कान और साहिल, खाना-पीना छोड़ा


बिहार विधानसभा चुनाव पर क्या असर होगा?

बिहार की राजनीति में मुस्लिम मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो राज्य की 17% से अधिक आबादी हैं। यह मतदाता वर्ग परंपरागत रूप से राजद, कांग्रेस और वाम दलों की ओर झुका रहता है, लेकिन जदयू ने भी वर्षों से एक विशेष वर्ग का समर्थन हासिल किया है।


हालांकि, जदयू की भाजपा के साथ बढ़ती नजदीकियों और सीएए, तीन तलाक कानून जैसे मुद्दों पर उनके रुख ने मुस्लिम मतदाताओं को असमंजस में डाल दिया है। अब सात बड़े मुस्लिम संगठनों द्वारा नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी के बहिष्कार की घोषणा के बाद, मुस्लिम समुदाय में उनके प्रति भारी असंतोष पनप रहा है।


इस बदलाव के परिणामस्वरूप, 10 से 15% मुस्लिम मतदाता जदयू को समर्थन देते थे, वे पूरी तरह से राजद के पक्ष में शिफ्ट हो सकते हैं। यह बदलाव आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में साफ दिखाई दे सकता है। मुस्लिम और यादव (एमवाई) समीकरण पहले से ही राजद की राजनीति की रीढ़ रहा है। अगर मुस्लिम वोट बैंक पूरी तरह से जदयू से कटकर राजद के पक्ष में चला जाता है, तो यह जदयू के लिए एक बड़े सियासी झटके से कम नहीं होगा।

प्रमुख खबरें

Meena Kumari Death Anniversary: ट्रेजडी क्वीन बनकर मीना कुमारी ने इंडस्ट्री पर किया राज, ऐसा रहा फिल्मी सफर

Salman Khan की फिल्म Sikandar हुई HD में ऑनलाइन लीक, भाईजान के फैंस आरोपियों को ढूंढने में कर रहे हैं ममद

आप रिपब्लिकन हैं? जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति रोनाल्‍ड रेगन पर चली थीं ताबड़तोड़ छह गोलियां, अस्पताल में डॉक्टर से क्यों पूछा ये सवाल

Step By Step Guide: GHIBLI स्टाइल इमेज बनाने के लिए आपको ChatGPT की जरूरत नहीं है, Grok से मुफ्त में बनाएं