By दिनेश शुक्ल | May 01, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश में संगठन स्तर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने बड़ा फेरबदल किया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी और महासचिव दीपक बाबरिया की जगह मुकुल वासनिक को प्रदेश प्रभारी बनाया गया है। वही दीपक बाबरिया ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के अनुसार दीपक बाबरिया ने स्वास्थ्य कारणों की वजह से पद छोड़ा है। उन्होंने पार्टी के लिए बाबरिया के योगदान की प्रशंसा भी की। समझा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश में सत्ता गंवाने के बाद अब अपने संगठन को दुरूस्त-संतुलित करने के मकसद से पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक को प्रभारी बनाया है। प्रदेश कांग्रेस में एआईसीसी द्वारा किए गए इस फेरबदल को प्रदेश में आगामी 24 विधानसभाओं में होने वाले उपचुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है।
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कांग्रेस महासचिव के तौर पर काम कर रहे मुकुल वासनिक पहले से ही केरल, तमिलनाडु और पुड्डूचेरी का प्रभार देख रहे हैं। वासनिक की गिनती पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में होती है। बाबरिया ने पद छोड़ने से पहले कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में कहा है कि हमारे लिए यह परीक्षा की घड़ी है। हम सभी को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और अपने नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में खड़े रहकर संघर्ष के लिए तैयार रहना है। मध्य प्रदेश कांग्रेस में बतौर प्रभारी दो साल से अधिक समय तक काम करने के बाद उन्होंने इस्तीफे के पीछे अपने स्वास्थ्य के कारण गिनाए हैं। बाबरिया को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। इसीलिए जब लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल ने इस्तीफा दिया तो उनके समर्थन में बाबरिया ने भी इस्तीफा दे दिया था और उनकी पद से विदाई तय मानी जा रही थी।
बाबरिया ने कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि मुझे आप सभी का भरपूर सहयोग व प्रेम मिला। आपके साथ रहते हुए मैंने आपकी कर्मठता, ऊर्जा व लगन को हमेशा महसूस किया। इन्हीं सकारात्मक प्रयासों का परिणाम था कि मध्य प्रदेश में हम सरकार बनाने में कामयाब हुए। अभी सरकार को एक साल ही हुआ था कि खरीद-फरोख्त के जरिए उसे हटा दिया गया। यह न तो प्रदेश की जनता के हित में था और न ही लोकतंत्र के लिए। बाबरिया ने यह भी कहा कि जिन ताकतों ने मध्य प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या की है वही देश के लोकतंत्र और संवैधानिक स्वरूप के लिए भी चुनौती बनी हुई है।
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कांग्रेस महासचिव दीपक बाबरिया के इस्तीफे के बाद प्रदेश का प्रभार मुकुल वासनिक ने सम्हाल लिया है। वही पिछले दो सालों में प्रदेश प्रभारी के दौर पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बाबरिया के स्थानीय नेताओं से कई विवाद सामने आए। इस बीच कई बार तो स्थिति ऐसी बनी की दीपक बाबरिया के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोर्चा भी खोल दिया। लेकिन दिल्ली हाई कमान के निर्देश के बाद वह पद पर जमे रहे। वही पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से मनमुटाव की भी कई बार खबरें सामने आई तो इस बीच दीपक बाबरिया ने प्रदेश अध्यक्ष बदलने की भी वकालत की थी। कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामने थामने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों के विधानसभा से इस्तीफे के बाद खाली हुई 22 सीटों और स्थानीय विधायकों के निधन के बाद खाली हुई दो सीटों को मिलाकर 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। जिसकी तैयारी को लेकर भी दीपक बाबरिया की जगह मुकुल वासनिक की प्रदेश प्रभारी पद पर नियुक्ति को अहम माना जा रहा है।