By अंकित सिंह | Mar 29, 2024
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी की मौत पर विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जनता को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की उनकी रणनीति के बारे में पता होना चाहिए। विपक्ष लगातार मुख्तार अंसारी की मौत को लकर योगी सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि ग़ाज़ीपुर, मऊ, जौनपुर, आज़मगढ़ और बलिया को कामरेडों के केंद्र के रूप में जाना जाता था। ये क्षेत्र अपराधियों के हॉटस्पॉट कैसे बन गए?... हम सभी को सावधान रहने की जरूरत है। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की उनकी रणनीति को पीएम नरेंद्र मोदी के समावेशी सशक्तिकरण के प्रयासों ने विफल कर दिया है।
भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने एक अपराधी का समर्थन करने के लिए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी एक अपराधी है...सपा, कांग्रेस और बसपा के नेता अब कूद रहे हैं, दिखा रहे हैं कि एक अपराधी के लिए उनके मन में कितना दर्द है। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी पर गंभीर आरोप लगे हैं और कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा भी सुनाई है लेकिन फिर भी उनके प्रति उनका दर्द बताता है कि कैसे उन्होंने (सपा, कांग्रेस और बसपा) 'माफिया राज' को संरक्षण दिया। उत्तर प्रदेश में विधायक रह चुके हत्या के दोषी मुख्तार अंसारी की गुरुवार को बांदा मेडिकल कॉलेज में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आज मांग की कि मुख्तार अंसारी की मौत की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करायी जानी चाहिए। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं। जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
मायावती ने कहा कि मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे। कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि कुछ दिन पहले मुख्तार अंसारी ने जहर दिए जाने की आशंका जताई थी और आज उनकी मौत हो गई। सरकार और प्रशासन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। भाजपा प्रशासन में असफल है।