By अनन्या मिश्रा | Oct 15, 2024
भारतीय जनता पार्टी के सबसे पहले ऐसे मुस्लिम नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी आज यानी की 15 अक्तूबर को अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंचे। इसके अलावा वह तत्कालीन अटल बिहार वाजपेयी सरकार में राज्यमंत्री भी बनें। तो आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर मुख्तार अब्बास नकवी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
भाजपा का पहला मुस्लिम चेहरा
यूपी के प्रयागराज 15 अक्तूबर 1957 को पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सीनियर नेता मुख्तार अब्बास नकवी का जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा प्रयागराज से की। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की। फिर कॉलेज के दिनों में वह छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए। वहीं साल 1975 में देश में इमरजेंसी लगने के दौरान नकवी को गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान वह प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद रहे।
मुख्तार अब्बास नकवी की गिनती इंदिरा गांधी को हराने वाले समाजवादी नेता राजनारायण के करीबियों में भी होती थी। जब छात्र राजनीति के बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा, तो वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
पहली बार जीते चुनाव
पहली बार मुख्तार अब्बास नकवी ने जनता पार्टी (सेक्युलर) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। हालांकि इस दौरान उनको कामयाबी नहीं मिली थी। इसके बाद जब वह बीजेपी में शामिल हुए, तो मऊ जिले की सदर विधानसभा सीट से मैदान में उतरे, लेकिन यहां भी उनको हार का सामना करना पड़ा।
फिर साल 1993 के विधानसभा चुनाव में भी नकवी को हार मिली। इसके बाद साल 1998 के लोकसभा चुनाव में मुख्तार अब्बास नकवी को भाजपा ने उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा। इस दौरान उनको जीत मिली। यह पहली बार था कि बीजेपी का कोई मुस्लिम चेहरा लोकसभा चुनाव लड़कर संसद पहुंचा।
मंत्री रहे नकवी
फिर मुख्तार अब्बास नकवी तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री बने। वह साल 2010 से लेकर 2016 तक यूपी से राज्यसभा के सदस्य रहे। फिर साल 2016 में नकवी झारखंड से राज्यसभा के सदस्य नियुक्त हुए। इसके बाद साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद नकवी को अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री का कार्यभार सौंपा गया।
साल 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मुख्तार अब्बास नकवी को फिर से कैबिनेट में शामिल किया गया। हालांकि जुलाई 2022 में नकवी ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। अपने राजनीतिक करियर के दौरान उन्होंने तीन किताबें भी लिखी हैं।