By अंकित सिंह | Oct 03, 2024
कर्नाटक शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) 'घोटाले' को लेकर चल रहा विवाद तेज हो गया है। विवाद की वजह से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। सिद्धारमैया के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज की गई है, जिससे एमयूडीए में कथित अनियमितताओं को लेकर उनकी जांच बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री पर अब घोटाले से संबंधित सबूतों को नष्ट करने, उनके प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता के बारे में चिंताएं बढ़ाने का आरोप लगाया गया है।
इस बीच, कथित मुदा घोटाले में मुख्य शिकायतकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा गुरुवार को गवाही देने और जांच से संबंधित रिकॉर्ड जमा करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुईं। सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ शुरू की गई जांच में मदद के लिए कृष्णा को ईडी के बेंगलुरु जोनल कार्यालय में बुलाया गया था। ईडी ने सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बी को 14 स्लॉट के आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों पर 30 सितंबर को एक एफआईआर के बराबर प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की। लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को कृष्णा की शिकायत पर उनके, राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की।
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के भूखंड आवंटन मामले में लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को महात्मा गांधी का उद्धरण देते हुए कहा कि ‘‘अंतरात्मा की अदालत’’, सभी अदालतों से ऊपर है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने यह भी कहा कि गांधीजी के जीवन और विचारों ने उन्हें उनके ‘‘वर्तमान संघर्ष’’ में साहस, शक्ति और उम्मीद दी है। उन्होंने परोक्ष रूप से एमयूडीए मामले में संबंधित एजेंसियों की जांच की ओर इशारा किया जिसमें उनकी पत्नी को 14 भूखंड आवंटित किए गए थे। मामले में विपक्ष उनके मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग कर रहा है।