By दिनेश शुक्ल | Aug 21, 2019
मध्यप्रदेश में सत्ता से दूर हुई बीजेपी को आठ माह से अधिक का समय हो गया है। लेकिन इसके नेताओं ने अभी तक अपनी हार नहीं स्वीकारी है। यही कारण है कि कभी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कभी नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव तो कभी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कार्यकर्ताओं के बीच कांग्रेस सरकार गिराकर एक बार फिर मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार बनाने का दावा ठोकते नजर आते हैं। कुछ ऐसा ही बयान एक बार फिर उज्जैन-आलोट संसदीय सीट से सांसद अनिल फिरोजिया ने दिया है। भाजपा सदस्यता अभियान के तहत आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अनिल अनिल फिरोजिया ने कहा कि भाजपा कश्मीर से 370 हटा सकती है तो प्रदेश की कमलनाथ सरकार को हटाना कोई बड़ी बात नहीं।
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सांसद फिरोजिया ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि किसानों को फसलों का मुआवजा न मिल पाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जितना हो सकता है एक्सपोज करो। उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया सदस्यता अभियान के तहत खरसोदकला में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार वह दावा कर रही है कि किसानों को फसल का मुआवजा दे दिया है, जबकि हकीकत है कि किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया। कांग्रेस को एक्सपोज करने की बात पर सांसद बोले कि क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से लोगों के सामने पूछो कि किसका कितना कर्ज माफ हुआ। उन्होंने कहा कि मेरे कहने का तात्पर्य है कि कांग्रेस की वास्तविकता जनता तक भी पहुंचना चाहिए। किसानों के पास भारी भरकम बिल पहुंच रहे हैं। जब तक सरकार की वास्तविकता लोगों तक नहीं पहुंचेगी तब तक स्थिति साफ नहीं होगी।
दरआसल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश के किसानों से यह वादा किया था, कि प्रदेश में उनकी सरकार बनने पर वह 10 दिन के अंदर किसानों का 200000 तक का कर्ज माफ कर देंगे। वहीं कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसान कर्ज माफी की फाइल पर ही सबसे पहले हस्ताक्षर किए थे। लेकर किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर विपक्ष ने पूरे प्रदेश में लोकसभा चुनाव में खूब हवा बनाई और किसान कर्ज माफी ना होने की बात जनता में प्रचारित की। जिसका फायदा लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिला भी। लेकिन विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 250 में से 109 सीटें ही मिली जबकि कांग्रेस को 114 और कांग्रेस ने सबसे बड़े दल होने के नाते अन्य दलों और निर्दलीयों के साथ मिलकर प्रदेश में अपनी सरकार बना ली।
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लेकिन प्रदेश की सत्ता पर 15 साल तक काबिज रही बीजेपी के नेता यह अभी भी नहीं भूल पा रहे कि वह मध्यप्रदेश की सत्ता से दूर हुए भी हैं, कि नहीं। वह अपनी हार को आसानी से नहीं पचा पा रहे यही कारण है कि कभी बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तो कभी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने की बात करते हैं। वहीं लोकसभा में मिली सफलता के बाद अब सांसद भी इसी तरह की बयानबाजी करने जुट गए हैं। इससे पहले उज्जैन-अलोट लोकसभा सीट से ही भाजपा सांसद रहे चिंतामणी मालवीय भी विवादित बयान देते रहे है। वही अब वर्तमान सांसद ने भी इसकी शुरुआत कर दी है।