By अनन्या मिश्रा | Apr 28, 2023
हिन्दु धर्म में 18 महापुराणों का वर्णन मिलता है। इन सभी महापुराणों का अपना विशेष महत्व होता है। इनमें से महापुराण गरुण पुराण है। मनुष्य के जीवन और उसकी मृत्यु से जुड़ी कई अहम जानकारियां गरुण पुराण में मिलती हैं। इसीलिए कहा जाता है कि गरुड़ पुराण में मिलने वाली जीवन से संबंधित कई अहम बातों का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन को खुशहाल बना सकता है। गरुण पुराण में व्यक्ति की आदतों के बारे में भी जिक्र किया गया है। मनुष्य की कई आदतें ऐसी होती हैं, जिन्हें करके वह अपने लिए परेशानियां बढ़ाता है।
ऐसी ही एक परेशानी है, धन संबंधी परेशानियां। अगर इन परेशानियों पर गौर किया जाए, तो यही एक ऐसी परेशानी है। जो मनुष्य को खुशहाल बनाती है। हमारे आसपास कई ऐसे लोग होते जिनकी आय तो पर्याप्त होती है, लेकिन उनकी सैलरी या इनकम आते ही कुछ दिनों में पर्स या बैंक बैलेंस निल होते भी देर नहीं लगती। गरुड़ पुराण के अनुसार, यह हाल होना भी मुनष्य की आदत के कारण ही है। ऐसे में अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं, तो गरुण पुराण के कुछ नियमों का पालन कर इन समस्याओं से बच सकते हैं। साथ ही आपकी बचत भी होने लगेगी।
धन का घमंड न करें
गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी अपनी संपत्ति पर अहंकार नहीं करना चाहिए। फिर आपके पास चाहे कितना भी धन क्यों न हो। इसे अपने गर्व का विषय बनाने से बचना चाहिए। इसकी वजह से किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। अपनी संपत्ति पर घमंड करने वाले व्यक्ति से मां लक्ष्मी कभी प्रसन्न नहीं होती हैं और उनसे नाराज होकर चली जाती हैं। जिस कारण व्यक्ति मां लक्ष्मी की कृपा का पात्र नहीं रह जाता है।
धार्मिक ग्रंथों का पाठ
गरुण पुराण में इस बात का जिक्र मिलता है कि यदि आप अपने घर में महाभारत, रामायण और गरुण पुराण आदि का अध्ययन करते हैं। तो आपके घर में सुख-शांति के अलावा समृद्धि का वास होता है। इन पवित्र किताबों के जरिए व्यक्ति भगवान का स्मरण करता है। इसलिए इनका अध्ययन करना चाहिए।
भगवान को भोग लगाएं
गरुड़ पुराण के अनुसार, घर की रसोई में बनने वाले भोजन का सबसे पहला भोग ईश्वर को लगाना चाहिए। यदि पहला भोग भगवान को लगाया जाता है, तो वह प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। इस नियम का पालन करने वाले व्यक्ति के घर में मां लक्ष्मी सदैव वास करती हैं। वहीं भगवान को भोग लगाए बिना यदि आप भोजन करते हैं, तो आप पाप के भागीदार होते हैं। ऐसे में भी मां लक्ष्मी रूठकर चली जाती हैं।