By आरती पांडे | Dec 13, 2021
वाराणसी। आखिरकार आज वो दिन आ ही गया जब विश्वनाथ धाम का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया है। बाबा दरबार में भोले नाथ के साथ ही अन्य प्रतिमाओं को भी एक स्थान प्रदान किया गया है। आपको बता दे, गंगधार तक एकाकार श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में गंगा गेट से प्रवेश करते ही आदि शंकराचार्य के दर्शन होंगे। इसके साथ बाबा धाम का लोकार्पण तो प्रधानमंत्री के द्वारा किया ही जायेगा। इसके अलावा सज-संवरकर तैयार बाबा के विस्तारित दरबार में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी पीएम मोदी के हाथों द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री ने इससे पहले दीपावली के दूसरे दिन पांच नवंबर को केदारनाथ में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया था।
बाबा के दरबार में चार प्रतिमाओं को स्थान दिया गया है। जिसमें आदि शंकराचार्य के साथ महारानी अहिल्याबाई, भारत माता व कार्तिकेय की प्रतिमा शामिल हैैं। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में लगाने के लिए प्रतिमाओं के चयन में शास्त्रीय व ऐतिहासिक मान-विधान का ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन प्रतिमाओं का भी लोकार्पण आज करेंगे।आपको बता दे, विश्वनाथ धाम में लग रही सभी प्रतिमाओं में किसी का भी महत्व कम में नहीं आंका जा सकता, लेकिन गेटवे आफ कारिडोर यानी गंगा गेट से प्रवेश कर स्वचालित सीढ़ी से चढ़ते ही पर्यटक सुविधा केंद्र व बहुउद्देश्यीय सभागार के बीच खाली स्थान में शंकराचार्य की प्रतिमा लगाई जा रही है।
इसके साथ ही बनारस गैलरी के पास दाई ओर अहिल्याबाई तो बाएं छोर पर भारत माता की प्रतिमा विराजमान होंगी। कार्तिकेय की प्रतिमा को वैदिक केंद्र के पास जगह दी गई है। धातु की इन 7.5 फीट की प्रतिमाओं के लिए दो फीट ऊंचे संगमरमर के प्लेटफार्म बनाए गए हैं। इन्हें धूप व बरसात से बचाने के लिए छतरी भी लगाई गयी है।प्रतिमाओं के पास ही उनके बारे में विवरणयुक्त पत्थर (राइट अप पैनल) भी लगाए गए है ताकि देश-दुनिया से आए धर्मानुरागी, जिज्ञासु व ज्ञान पिपासु इनके बारे में भी जान सकें , इनके महत्व को समझ सके।श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का 1777 से 1780 के बीच निर्माण कराने में महारानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को देखते हुए कारिडोर में अहिल्याबाई की प्रतिमा लगाने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के द्वारा दिया गया था ।इसे डीपीआर में शामिल करते हुए तीन अन्य प्रतिमाओं के लिए भी बाद में जगह बनाई गई। इसमें सनातन धर्म की पताका फहराने वाले आद्य शंकराचार्य को शामिल किया गया तो राष्ट्र धर्म का भाव समाहित करने के लिए भारत माता को स्थान दिया गया। बाबा के दरबार में माता पार्वती व गणेश पहले से ही विराजमान थे , लेकिन अब कार्तिकेय की प्रतिमा लगने से शिव जी का पूरा परिवार धाम में विराजित हो जाएगा।