By अभिनय आकाश | Feb 12, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त फ्रांस और अमेरिका के दौरे पर हैं। पीएम मोदी के इस दौरे में बिजनेस, डिफेंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बड़ी डील करना है। लेकिन पीएम मोदी जिस वक्त विदेश में भारत की ताकत बढ़ा रहे हैं। ठीक उसी वक्त इजरायल का एक विमान चुपचाप भारत में आकर उतर गया। ये विमान भी भारत की ताकत बढ़ाने आया है क्योंकि इस विमान में भारत की 100 कंपनियों के सबसे ताकतवर लोग हैं। इतिहास में पहली बार इजरायल इतना बड़ा बिजनेस डेलीगेशन लेकर भारत आया है। कुछ एक्सपर्ट्स की मानें तो यहां बहुत बड़ा खेल चल रहा है। दरअसल, इस विमान में इजरायल के इकोनॉमी मिनिस्टर नील बरकत अपने साथ इजरायल की 100 बड़ी कंपनियों के सीईओ को लेकर दिल्ली पहुंचे हैं। इजरायल की ये कंपनियां, हेल्थ सेक्टर, एनर्जी, साइबर सिक्योरिटी, डिफेंस, होमलैंड सिक्योरिटी समेत कई क्षेत्रों में काम करती हैं।
इजरायल की ये कंपनियां अलग अलग क्षेत्रों में भारत के साथ कई बड़ी डील्स करना चाहती हैं। इजरायल के डेलीगेशन ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात भी की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और इजराइल के बीच मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार क्षमता से कम है और दोनों देशों को आने वाले वर्षों में इसे 10 गुना बढ़ाने पर विचार करना चाहिए क्योंकि इसमें अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि डीप टेक, फिनटेक, एग्रीटेक, साइबर सुरक्षा, रक्षा, एआई, जल संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, वर्तमान में द्विपक्षीय व्यापार करीब 6.5 अरब डॉलर है। हम दोनों का मानना है कि यह क्षमता से कम है और हम इसमें बहुत कम आकांक्षाएं नहीं देखना चाहते। हम चाहते हैं कि हम महत्वपूर्ण रूप से उच्च दो अंकीय वृद्धि करें और इसे वर्तमान स्तर से 10 गुना तक ले जाएं, इसके लिए हम व्यवसायों के बीच आदान-प्रदान और अपने उत्पादों, सेवाओं को सबसे अधिक लागत प्रभावी बनाने के लिए मिलकर काम करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
वहीं दूसरी तरफ इजरायल के संसद नेसेट के स्पीकर आमिर ओहाना ने कहा है कि भारत और इजराइल न केवल कई क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदार हैं, बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों में मधुरता और ईमानदारी है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी विश्वासपात्र माने जाने वाले ओहाना ने भारत को बड़ा एवं शक्तिशाली देश और इजराइल को छोटा एवं रचनात्मक देश माना। उन्होंने भारत और इजराइल के बीच संबंधों को मजबूत एवं गहरा करने में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की कड़ी मेहनत को श्रेय दिया।
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