By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 18, 2021
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मॉनसून सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा कि सरकार संसद में विभिन्न मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा को तैयार है। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने बैठक में प्रधानमंत्री के कथन को उद्धृत करते कहा कि उन्होंने सदन में विभिन्न दलों के नेताओं से कहा कि सरकार नियमों और प्रक्रिया के तहत उठाए गए मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा को तैयार है। सर्वदलीय बैठक में 33 पार्टियों ने हिस्सा लिया। इसमें प्रधानमंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधियों खासतौर पर विपक्ष के सुझाव मूल्यवान हैं, क्योंकि वे चर्चा को समृद्ध बनाते हैं।
यह सर्वदलीय बैठक संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सदन में विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया। इस बैठक में मोदी के अलावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्यमंत्री जोशी शामिल हुए। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी इस सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक के तिरुचि शिवा, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, बसपा के सतीष चंद्र मिश्र सहित सदन में सभी प्रमुख पार्टियों के नेता उपस्थित रहे। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सहयोगी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति पारस भी सर्वदलीय बैठक में उपस्थित थे।
संसद का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है और 13 अगस्त को इसके समापन की तारीख तय की गई है। संसद सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल में शामिल नए मंत्रियों का परिचय दोनों सदनों के सदस्यों से कराएंगे। यह परंपरा रही है कि नयी सरकार गठित होने या मंत्रिमंडल विस्तार व फेरबदल होने के बाद प्रधानमंत्री नए मंत्रियों का परिचय दोनों सदनों के सदस्यों से कराते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में हाल में बड़ी फेरबदल की गई है। कई नए चेहरे शामिल किए हैं जबकि कुछ मंत्रियों की पदोन्नति कर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। वहीं, कुछ मंत्रियों का मंत्रालय बदला गया है। वहीं, कुछ सदस्य हाल में हुए उपचुनाव के बाद लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं और सोमवार को वे सदन के सदस्य के तौर पर शपथ लेंगे।