By अंकित सिंह | Jan 31, 2024
आज से संसद का बजट सत्र शुरू हुआ। बजट सत्र शुरू होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना वक्तव्य दिया। पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान विपक्षी सांसदों को प्रधानमंत्री ने नसीहत भी दी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी बात को राम-राम कहते हुए खत्म किया। शुरूआत भी उन्होंने ऐसे ही किया। यही कारण है कि मोदी के इस राम-राम को अब चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। वही अंदर में भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में तीर बार राम मंदिर का जिक्र किया। ऐसे में अब राजनीतिक विश्लेषक इस बात का दावा करने लगे हैं कि कहीं ना कहीं भाजपा 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर अपना एक एजेंडा सेट करने की कोशिश में लगी हुई है। राजनीतिक विश्लेषक इसे हिंदुत्व से जोड़कर देख रहे हैं। साथ ही साथ राम मंदिर मुद्दे को भाजपा की ओर से जीवंत रखने की कोशिश भी बता रहे हैं।
मोदी ने बुधवार को कहा कि देश प्रगति की नयी उंचाइयों को छू रहा है। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों के आशीर्वाद से ‘सर्वसमावेशी एवं सर्वांगीण’ विकास की उनकी सरकार की यात्रा आगे भी जारी रहेगी। पत्रकारों को संबोधित करते हुए मोदी ने उन्हें राम राम कहकर मुबारकबाद दी और कहा कि चुनाव से पहले पूर्ण बजट पेश नहीं करने की परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि इस परंपरा का पालन करते हुए उनकी नयी सरकार बनने के बाद देशवासियों के समक्ष पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आदतन ‘हुड़दंग’ करना जिनका स्वभाव बन गया है और जो लोकतांत्रिक मूल्यों का आदतन चीरहरण करते हैं, ऐसे सभी सांसदों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। मोदी ने विपक्षी सांसदों पर संसदीय कार्यवाही को बार-बार बाधित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग हंगामा करने और लोकतांत्रिक मूल्यों को बिगाड़ने के आदी हैं, उन्हें आगामी चुनाव से पहले हो रहे इस अंतिम सत्र के दौरान आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की आकांक्षा सदियों से थी जो अब पूरी हुई है। उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राम मंदिर के निर्माण का उल्लेख किया। मुर्मू ने कहा, ‘‘राम मंदिर की आकांक्षा सदियों से थी, आज सच हुई है।’’ उनकी इस टिप्पणी पर सदस्यों ने मेजें थपथपाईं। अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह गत 22 जनवरी को संपन्न हुआ। राष्ट्रपति का कहना था, ‘‘सभ्यताओं के कालखंड में ऐसे पड़ाव आते हैं जो सदियों का भविष्य तय करते हैं। भारत के इतिहास में भी ऐसे अनेक पड़ाव आए हैं। इस वर्ष, 22 जनवरी को भी देश ऐसे ही एक पड़ाव का साक्षी बना है।’’ मुर्मू ने कहा, ‘‘सदियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं। यह करोड़ों देशवासियों की इच्छा और आस्था का प्रश्न था, जिसका उत्तर देश ने पूरे सद्भाव के साथ खोजा है।’’
आपको बता दें कि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव का ऐलान होना है। राम-राम कहकर विपक्ष को पीएम मोदी ने इशारों ही इशारों में बड़ा संदेश दे दिया है। उन्होंने साफ तौर पर बता दिया है कि चुनाव प्रचार के दौरान उनकी और भाजपा की प्रचार की दिशा किस ओर रहने वाली है। भाजपा की ओर से भी साफ तौर पर संकल्प से सिद्धि की ओर का दावा किया जा रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि अयोध्या में राम मंदिर भाजपा का शुरू से एजेंडा रहा है। 90 के दशक में भाजपा ने इसे अपने मेनिफेस्टो में शामिल किया था। इसके बाद लगातार भाजपा इस मुद्दे पर डटी रही। भाजपा ने राजनीतिक रूप से राम मंदिर के लिए संघर्ष भी किया। बीजेपी के लिए की राम मंदिर का मुद्दा बहुत बड़ा था। मोदी सरकार के कार्यकाल में राम मंदिर का निर्माण हुआ है। ऐसे में भाजपा इसका श्रेय लेने की कोशिश करेगी। साथ ही साथ विपक्ष को यह भी बताने की कोशिश की जा रही है कि आप चाहे राम को लेकर कुछ भी बयान दीजिए, हमारे लिए राम आदर्श है।