मोदी के मनसबदार अमित शाह, जिनकी आंखों से PM राजनीति को देखते, विरोधियों की आवाज को सुनते और सलाह से विपक्षियों पर बरसते हैं

By अभिनय आकाश | Oct 22, 2022

" जो तनिक हवा से बाग हिली, लेकर सवार उड़ जाता था। राणा की पुतली फिरी नहीं तब तक चेतक मुड़ जाता था"

नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े सेनापति और मोदी की आंख, कान और जुबान समझे जाने वाले अमित शाह ही है जिनकी आंखों से पीएम मोदी चुनावी राजनीति को देखते, विरोधियों की आवाज को सुनते और सलाह से विपक्षियों पर बरसते हैं। 1980 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य होने से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री बनने तक, अमित शाह ने भारतीय राजनीति में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है। उनके 58वें जन्मदिन पर एक नजर उनके राजनीतिक करियर पर डालते हैं। 

इसे भी पढ़ें: फारुख अब्दुल्ला के नहीं रुकेंगी हत्याएं वाले बयान पर LG मनोज सिन्हा की सख्त चेतावनी, कहा- करना पड़ेगा कानून का सामना

वैसे तो अमित शाह और नरेंद्र मोदी 1987 से एक-दूसरे को जानते हैं। उनके रिश्तों में कितनी अनऔपचारिकता होगी, दुनिया की नजर में इन दो नेताओं को बराबर देखे जाता रहा है। लेकिन बारिक से देखने पर यह साफ प्रतीत होता है कि नेता कौन है और बाॅस कौन है। अमित शाह प्रधानमंत्री से 14 साल छोटे हैं और इस वक्त उनकी उम्र 58 साल है। 22 अक्टूबर को गृह मंत्री अमित अनिलचंद्र शाह का जन्मदिन है। 

मोदी और शाह

1995 में नरेंद्र मोदी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल को शाह को गुजरात राज्य वित्त निगम का अध्यक्ष बनाने के लिए मना लिया। शाह ने इस राजनीतिक रूप से प्रभावशाली पद को तब भी रखा जब मोदी को भाजपा आलाकमान और बागी शंकरसिंह वाघेला के बीच शांति समझौते के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था। 2002 में गुजरात विधानसभा चुनावों में जब मोदी ने प्रचंड जीत हासिल की तो शाह को गृह, कानून और न्याय, आवास, संसदीय मामले, सीमा सुरक्षा और जेल सहित लगभग 10 विभागों से नवाजा गया।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: Shopian में Hybrid Terrorists ने बरपाया कहर, जानिये आतंक के इस नये स्वरूप के बारे में

राष्ट्रीय राजनीति

2014 में भाजपा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद शाह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। 49 साल की उम्र में उन्होंने भाजपा के सबसे कम उम्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। शाह ने 2019 में उत्तर प्रदेश और केंद्र में चुनावी जीत के लिए अपनी पार्टी को आगे बढ़ाते हुए एक मास्टर रणनीतिकार के रूप में ख्याति प्राप्त की। 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत के बाद अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी ने राज्य विधानसभा चुनावों में भी अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा। भाजपा अध्यक्ष के रूप में अमित शाह के कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, असम, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में विजयी हुई और भाजपा अध्यक्ष के रूप में उनका रिकॉर्ड अतुलनीय है। 

असरदार फैसले

जिस भाजपा के बारे में कहा जाता था कि 'बैठक, भोजन और विश्राम... भाजपा के यह तीन काम' शाह ने इस धारणा को भी ध्वस्त कर दिया। वह खुद तो मेहनत करते ही हैं, कार्यकर्ताओं को भी प्रेरित करते हैं।  30 मई को अमित शाह पहली बार मोदी कैबिनेट का हिस्सा हो गए। शपथ के बाद पीएम मोदी ने उन्हें गृह मंत्रालय की कमान सौंपकर यह जता दिया कि मोदी सरकार 2 में उनकी हैसियत नंबर दो की होगी। अमित शाह कुछ अलग तरह के गृह मंत्री हैं और पारंपरिक राजनीति में विश्वास नहीं रखते हैं। जम्मू कश्मीर की समस्या पर वर्तमान सरकार के नजरिए को स्पष्टता से रखते हुए अमित शाह ने सदन में साफ कर दिया कि एकता अखंड और संप्रुभता के सूत्र में भारत को बांधना है और इसमें धारा 370 सबसे बड़ी अड़चन है।

 

प्रमुख खबरें

PM Narendra Modi कुवैती नेतृत्व के साथ वार्ता की, कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई

Shubhra Ranjan IAS Study पर CCPA ने लगाया 2 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने है आरोप

मुंबई कॉन्सर्ट में विक्की कौशल Karan Aujla की तारीफों के पुल बांध दिए, भावुक हुए औजला

गाजा में इजरायली हमलों में 20 लोगों की मौत