By अभिनय आकाश | Nov 26, 2021
रूस और भारत में करीबी का एक समृद्ध इतिहास रहा है। पिछले 10 सालों में वैश्विक स्तर पर कई चीजें उलट-पुलट हुई हैं। रूस की पाकिस्तान के साथ नजदीकियां भी कुछ हद कर बढ़ी। लेकिन अब भारत रूस संबंधों के नए द्वार एक बार फिर खुलने की दिशा में कदम बढ़ने वाले हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 6 दिसंबर को भारत आने वाले हैं। 6 दिसंबर को पुतिन और पीएम मोदी की मुलाकात होगी। 6 दिसंबर को भारत और रूस का 2+2 डॉयलाग होगा।
अमेरिकी से दोस्ती के बीच पुतिन का भारत दौरान कई मायनों में बेहद अहम हो जाता है। इसे ही भारत की विदेश नीति की खासियत कहा जा सकता है। हमारा अमेरिका के साथ भी उतना ही मजबूत संबंध है जितना रूस के साथ है। कोरोना काल में ब्लादिमीर पुतिन आखिरी बार रूस से बाहर निकलने थे वो बाइडेन से मिलने के लिए। कई महीनों के बाद वो अब रूस से बाहर निकल रहे हैं तो प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के लिए। ये बताने के लिए काफी है कि पुतिन के नजर में भी भारत और रूस के संबंधों की कितनी अहमियत है।
रूस के साथ टू प्लस टू ये पहला मौका होगा 2018 के बाद कि पुतिन भारत आएंगे। कोविड महामारी के दौरान भारत की मदद की गई थी, उसी समय ये तय किया गया था कि रूस के राष्ट्रपति भारत आएंगे। कहां ये जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की बैठक के बाद जब वो आएंगे उसके बाद रूस के साथ टू प्लस टू होगा। भारत के विदेश व रक्षा मंत्री व रूस के विदेश व रक्षा मंत्री के बीच जब ये बातचीत होगी तो बहुत सारे ऐसे समझौते हैं चाहे वो एस-400, एके 203 व अन्य रक्षा सौदे पर मुहर लग सकती है। पहला मौका होगा क्वाड के बाहर के किसी देश के साथ भारत टू प्लस टू करने जाएगा।