Modi के आर्थिक पैकेज में दिखा 'सबका साथ, सबका विकास', Lockdown-4 ने राह की आसान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 16, 2020

इस सप्ताह के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों की बात करें तो कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामले और लॉकडाउन की वजह से उपजी परिस्थितियों ने सरकार के लिए मुश्किलें जारी रखीं। हालांकि सरकार ने लोगों की दुश्वारियां कम करने के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की जिसमें एमएसएमई क्षेत्र तथा कृषि क्षेत्र के लिए तमाम योजनाओं और राहतों की घोषणा की गयी इसके अलावा संकटग्रस्त कंपनियों को उबारने का भी खाका पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का जो संकल्प देश को दिलाया है, यकीनन भारत उस पर आगे बढ़ता हुआ वैश्विक महाशक्ति बन सकता है।

 

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प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन-4 लगाने की घोषणा करते हुए यह भी कहा था कि कोरोना के साथ जीना सीखना होगा क्योंकि कोरोना रहेगा लेकिन हमें आगे बढ़ते जाना है। इसीलिए लॉकडाउन-4 का रंग-रूप एकदम अलग है। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए अर्थव्यवस्था को काफी हद तक खोल दिया गया है। सार्वजनिक परिवहन के साधन भी अब उपलब्ध हैं हालांकि यह अभी सीमित ही हैं। केंद्र और राज्य सरकारें यदि समन्वय बनाकर चलती रहीं तो यकीनन कोरोना वायरस को हराया जा सकता है।

 

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इसके अलावा इस सप्ताह राजनीति भी जमकर हुई। कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों की बेहाली के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा तो सरकार ने उन कदमों को गिना दिया जो प्रवासी मजदूरों के लिए उठाये जा रहे हैं। यही नहीं पीएम केयर्स फंड से भी जो 3100 करोड़ रुपए की राशि जारी हुई है उसमें से 1000 करोड़ रुपए तो प्रवासी मजदूरों के लिए ही हैं। इसके अलावा इस सप्ताह महाराष्ट्र सरकार पर से तब संकट टल गया जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गये। पश्चिम बंगाल सरकार का केंद्र से टकराव इस सप्ताह भी जारी रहा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के उस बयान पर भी हंगामा हुआ जिसमें उन्होंने मंदिरों के सोने का उपयोग संकट के इस समय करने का सुझाव दिया था।


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