By निधि अविनाश | Oct 11, 2021
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने महिलाओं को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है जिसके बाद अब उनकी काफी जमकर आलोचना की जा रही है। मंत्री ने दावा करते हुए कहा कि, आधुनिक भारतीय महिलाएं 'अकेली रहना चाहती हैं,' और शादी के बाद भी बच्चे को जन्म देने को तैयार नहीं हैं और सरोगेसी द्वारा बच्चों की इच्छा रखती हैं। बता दें कि मंत्री रविवार, 10 अक्टूबर को बेंगलुरु के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (NIMHANS) में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे जिसमें उन्होंने यह अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आगे कहा कि, आज, मुझे यह कहते हुए खेद हो रहा है, भारत में बहुत सी आधुनिक महिलाएं अविवाहित रहना चाहती हैं। भले ही वे शादी कर लें, लेकिन वे बच्चे को जन्म नहीं देना चाहते हैं। वे सरोगेसी चाहते हैं। इसलिए हमारी सोच में बदलाव आ रहा है, जो अच्छा नहीं है।
भारतीय समाज पर पश्चिमी प्रभाव पर अफसोस जताते हुए मंत्री ने कहा कि, लोग अपने माता-पिता को अपने साथ नहीं रहने देना चाहते हैं। मंत्री ने कहा कि, दुर्भाग्य से, आज हम पश्चिमी रास्ते पर जा रहे हैं। हम नहीं चाहते कि हमारे माता-पिता हमारे साथ रहें, दादा-दादी हमारे साथ रहें। भारत में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बोलते हुए, सुधाकर ने कहा कि हर सातवें भारतीय को किसी न किसी तरह की मानसिक समस्या है, जो हल्की, मध्यम और गंभीर हो सकती है। उनके मुताबिक तनाव एक प्रंबधन कला है और इस कला को हम भारतीयों को सीखने की नहीं बल्कि दुनिया को इससे निपटने की जरूरत है।
महिलाओं के बारे में ऐसी टिप्पणी करने के बाद मिल रही आलोचनाएं
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर द्वारा महिलाओं पर टिप्पणी करने के बाद उन्हें कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेंस एसोसिएशन की उपाध्यक्ष विमला केएस ने आईएएनएस से कहा कि यह एक महिला की पसंद है कि वे बच्चे पैदा करना चाहती हैं या नहीं और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का ऐसा बयान उचित नहीं है। उन्होंने आगे लिखा कि, यह महिलाओं की स्वतंत्रता है कि बच्चा पैदा करना है या नहीं। एक मंत्री होने के नाते, ऐसा बयान जारी करना अच्छा नहीं है।