उच्चतम न्यायालय ने आज कर्नाटक पुलिस के विशेष जांच दल को निर्देश दिया कि वह लौह अयस्क के खनन से संबंधित एक मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एन. धरम सिंह और एचडी कुमारास्वामी की जांच कर तीन महीने के भीतर सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट पेश करे। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि इस दौरान राज्य के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के खिलाफ जांच पर रोक लगी रहेगी।
न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति आरएफ नरिमन की पीठ ने उच्च न्यायालय सहित सभी अदालतों को इस मामले में किसी भी प्रकार का आदेश देने से रोक दिया है। एक शिकायतकर्ता टीजे अब्राहम का आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों ने कई नौकरशाहों और दूसरों के साथ सांठगांठ करके वन भूमि के एक बहुत बड़े हिस्से को गैर पंजीकृत कर दिया और इसमें बड़े पैमाने पर गैर कानूनी तरीके से लौह अयस्क के खनन की अनुमति दी। शिकायतकर्ता ने तत्कालीन लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन संतोष हेगड़े की कई रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा कि इनमें अनेक नेताओं, नौकरशाहों और दूसरे लोगों के बारे में प्रतिकूल टिप्पणियां की हैं।