By अभिनय आकाश | Jul 17, 2022
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि रुबैया सईद को गवाह के तौर पर किसी को पहचानने के लिए बुलाया गया था। उसे जाना ही था। यासीन मलिक पब्लिक डोमेन में था और उसे पहचानना आसान था। 32 साल लंबा समय है, लोग बहुत कुछ भूल जाते हैं। वह किसी और को पहचान नहीं पाई। उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया। मुफ्ती ने कहा कि रुबैया सईद ने 1989 के अपहरण मामले में 16 जुलाई को जम्मू की एक विशेष टाडा अदालत के समक्ष यासीन मलिक और 3 अन्य आरोपियों की पहचान की थी। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 23 अगस्त है।
महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 को सबसे बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि कश्मीर की समस्या को हल करना और अनुच्छेद 370 उसकी तरफ एक कदम है लेकिन कश्मीर की समस्या को हल करना और अनुच्छेद 370 को बहाल करना हमारे एजेंडा में है, हमें इसके लिए जितनी मेहनत करनी पड़ेगी हम आखिरी वक्त तक करते रहेंगे।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और तीन अन्य को अपहरणकर्ताओं के रूप में पहचाना। महबूबा मुफ्ती की बहन सईद 1989 में उसके अपहरण से संबंधित एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुई थी। उन्हें पांच आतंकवादियों के बदले में रिहा किया गया था। संघीय जांच एजेंसी ने 1990 की शुरुआत में मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। यह पहली बार है जब रुबैया सईद को मामले के सिलसिले में अदालत में पेश होने के लिए कहा गया थाा।