अशोक सिंघल से मुलाकात, राम भक्त बन कर प्रोजक्ट पूरा करने की बात, राम मंदिर बनाने वाली कंपनी L&T, जिसने कई चुनौतियों को पार करके देश का मान बढ़ाया

By अभिनय आकाश | Jan 05, 2024

90 के दशक की बात है राम मंदिर का आंदोलन अपने चरम पर था। मंदिर आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले वीएचपी के दिग्गज नेता अशोक सिंघल ने एक कंपनी के पास जाकर कहा-राम मंदिर तो बनाकर रहेंगे क्या आपका सहयोग मिलेगा। हम चाहते हैं कि ये एक ऐसी कंपनी बनाए जिसे निर्माम के क्षेत्र में अच्छा खासा अनुभव हो। जवाब में कंपनी की तरफ से कहा गया राम का मसला है इसलिए हम ऐसा जरूर करेंगे। इस बात को दशक गुजर गए। राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे से पहले मंदिर फिर सरकार के नारे बदलते रहे लेकिन कल कल बहती सरयू की धार अपने अराध्य के इंतजार में बैठी रही। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रामलला की जमीन के हक पर हस्ताक्षर के साथ ही ये साफ हो गया कि अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य और दिव्य मंदिर जरूर बनेगा। बाद में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया। ट्रस्ट के गठन के बाद कई कंपनियों ने मंदिर निर्माण के लिए अपना प्रस्ताव आगे बढ़ाया। लेकिन राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने वर्षों पहले निर्माण कंपनी के साथ हुई अशोक सिंघल की बात को आगे बढ़ाते हुए  इस बाबत उसी कंपनी बात की और कंपनी इसे स्वीकारते हुए कहा कि हम इसे सेवा भाव से बनाएंगे। 

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1,000 साल तक इस मंदिर का बाल भी बांका नहीं हो सकेगा 

राम की नगरी अयोध्या पर इस वक्त देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजरें ठहरी हुई हैं। राम मंदिर सहित पूरे शहर को सजाया और संवारा जा रहा है। राम मंदिर का बहुप्रतीक्षित अभिषेक समारोह 22 जनवरी, 2024 को होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर 2023 को अयोध्या से अमृत भारत एक्सप्रेस और वंदे भारत एक्सप्रेस को लॉन्च कर इस भव्य कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मंदिर के उद्घाटन में शिरकत करेंगे। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि राम मंदिर बनाने में किस कंपनी का हाथ है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का निर्माण देश की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टुब्रो कर रही है। इस कंपनी का इतिहास शानदार रहा है, जिसने समय-समय पर कई चुनौतियों को पार करके देश का मान बढ़ाया है। 22 जनवरी को इसका पहला फेज कंपनी पूरा कर लेगी। एलएंडटी ने इस मंदिर को इस तरह ये तैयार किया है कि अगले 1,000 साल तक इस मंदिर का बाल भी बांका नहीं हो सकेगा। 

सरदार सरोवर डैम, रियाद मेट्रो, लोट्स टैंपल इस कंपनी ने क्या-क्या बनाया 

गुजरात के सरदार सरोवर डैम के पास बनी सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है और गुजरात के ही मोटेरा में बनी नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम दुनिया की सबसे बडा क्रिकेट ग्राउंड है जिसमें एक साथ 1 लाख 32 हजार लोग एकट्ठे बैठकर क्रिकेट का मजा ले सकते हैं। इसके साथ ही दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर के इंटरनेशनेल एयरपोर्ट, सऊदी अरब का रियाद मेट्रो और दिल्ली की लोट्स टैंपल जैसी खूबसूरत ईमारत को बनाने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एल एंड टी) जिसका नाम सुनकर एक बार में आपको लगेगा कि ये कोई विदेशी कंपनी है। लेकिन ऐसा नहीं है एल एंड टी भी टाटा, बिरला और रिलायंस जैसी स्वदेसी कंपनी है जिसने भारत के विकास के लिए काफी काम किया है। 

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मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक 

पहली मेगा प्रोजेक्ट मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक यानी एक निर्माणाधीन 21.8 किमी लंबा सड़क पुल है जो भारतीय शहर मुंबई को इसके उपग्रह शहर नवी मुंबई से जोड़ता है। इसे एल एंड टी और टाटा तैयार कर रही है। ज्यादातर हिस्सा एल एंड टी द्वारा बनया जा रहा है। 90 मीटर से 180 मीटर लंबाई के 7 ओएसडी (ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक) स्पैन हैं जिनका उपयोग भारत में पहली बार पुल पर किया जाता है। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का उद्घाटन 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। 

क्या विदेशी है ये कंपनी

साल 1934 की बात है डेनमार्क की एक मशीन बनाने वाली कंपनी ने सिविल इंजीनियर सोरेन क्रिस्टियन टुब्रो और एक कैमिकल इंजीनियर हैनिंग होल्च लार्सन को सीमेंट बनाने वाली कंपनी के मर्जर के सिलसिले में भारत भेजा। 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद डेनमार्क पर जर्मनी का कब्जा हो गया। जिसके बाद ये दोनों वापस नहीं लौट सके और भारत में ही रहने लगे। मुंबई में एक छोटे से रूम से एख पार्टनरशिप फर्म के रूप में एल एंड टी की शुरुआत की। इसे 1946 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में कन्वर्ट कर दिया गया। अनिल मणिभाई नाइक ने साल 1965 में एक असिस्टेंट इंजीनियर के रूप एलएंडटी को जॉइन किया था। इसके बाद साल 1999 में वे कंपनी के सीईओ और एमडी बन गए। 

अलग-अलग फील्ड में किया काम

टेक्नोलॉजी, डिफेंस और फाइनेंस जैसी फील्ड में भी एल एंड टी काफी तेजी से आगे बढ़ रही है। आप जानकर हैरान होंगे की देश का पहला न्यूक्लियर रिएक्टर बनाने की बात हो या फिर न्यूक्लियर पावर सबमरीन आईएनएस अरिहंत का निर्माण हो सरकार ने एल एंड टी पर ही भरोसा जताया। यहां तक की मंगलयान, चंद्रयान जैसे मिशन भी एल एंड टी के सपोर्ट के बिना पूरे नहीं हो पाते। 

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राम भक्त बन कर पूरा कर रहे प्रोजेक्ट

राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कर रही संस्था लार्सन एंड टूब्रो के चीफ फाइनेंशल अफसर आर शंकर रमन राम मंदिर के निर्माण को महज एक प्रोजेक्ट नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण हमारे लिए चैलेंज है। नामी कंपनियों ने मंदिर निर्माण की तकनीक पर शोध किया उसका उपयोग मंदिर निर्माण में हो रहा है। हम सौभाग्यशाली हैं जो राम मंदिर जैसे महान प्रोजेक्ट के निर्माम की जिम्मेदारी मिली। राम मंदिर के निर्माण में प्राचीन परंपरागत तकनीक के साथ आधुनिक तकनीक का समन्वय किया गया। आर शंकर रमन ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण हमारे लिए एक सामान्य प्रोजेक्ट न होकर एक स्प्रिचुअल जर्नी है। जिसे हम राम भक्त बन कर संपूर्ण आस्था के साथ पूरा कर रहे हैं। 


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