मेरठ... UP-TET का पेपर लीक, परीक्षा स्थगित होने के कारण मायूस होकर लौटे अभ्यर्थी

By राजीव शर्मा | Nov 29, 2021

उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा सभी जिलों में रविवार सुबह 10 बजे से शुरू हो गई। लेकिन मथुरा से व्हाटएसप पर पेपर लीक होने के मामले में शासन द्वारा परीक्षा रदद करने का निर्णय लिया गया। परीक्षा कैंसिल होने के बाद परीक्षा देने पहुंचे छात्रों ने नाराजगी जताई। छात्रों में सबसे ज्यादा गुस्सा इस बात को लेकर था कि उन्होंने अधिकांश सवालों के उत्तर दे दिए थे। उसके बाद उन्हें पर्चा लीक होने की सूचना दी गई। परीक्षा बीच में ही कैंसिल कर दी गई। जिसके चलते उन्हें पेपर अधूरा छोड़कर उठना पड़ा। मेरठ में बागपत, बिजनौर, शामली, गाजियाबाद तक से परीक्षार्थी पेपर देने आए थे।


दरअसल, व्हाटएसप पर पेपर लीक होने के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। अब यह परीक्षा एक माह के भीतर दोबारा आयोजित की जाएगी। बताया गया कि अभ्यर्थियों को इसके लिए कोई फीस नहीं देनी होगी। जानकारी के अनुसार एसटीएफ को पेपर लीक होने की जानकारी परीक्षा शुरू होने से पहले ही मिल गई थी। जिसके बाद मेरठ एसटीएफ की टीम ने संदिग्ध केंद्रों पर छापेमारी की।  

 

जानकारी के अनुसार टीईटी की परीक्षा शुरू होने से पहले ही शामली जिले में पेपर लीक हो गया। परीक्षार्थी के हाथ में पेपर देखकर एसटीएफ भी हैरान रह गई। पेपर लीक करने वाले तीन आरोपी एसटीएफ मेरठ ने शामली से दबोच लिए। एसटीएफ ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ आरोपियों से पूछताछ कर रही है।   

आपको बता दे की एक दिन पहले ही परीक्षार्थी मेरठ पहुंच गए थे। बस अड्‌डे पर रात गुजारी। लड़कियों ने रिटायरिंग रूम में चादर बिछाकर रात भर पढ़ाई की। जब पेपर कैंसिल होने की खबर मिली तो वे हैरान रह गए। पेपर देने आए परीक्षार्थियों ने प्रभासाक्षी से बातचीत की और अपना दर्द साझा किया।


मेरठ एन ए एस इंटर कॉलेज में पेपर देने पहुंचे आकाश ने कहा कि एक दो दिन पहले बता देते कि पेपर नहीं होगा। सेंटर पर बुलाकर बीच में पेपर कैसिंल करना गलत है। बेरोजगारों के पेट पर लात मारी जा रही है। युवाओं के भविष्य से खेल रहे हैं। अफवाह फैला रहे हैं कि नौकरी देंगे। पीईटी के बाद भी वेकेंसी नहीं निकली। सारी भर्तियां झमेले में हैं युवाओं से खिलवाड़ है।दिव्यांग आजाद सिंह ने पिछले 6 महीने से तैयारी कर रहा हूं, सरकार की गलती छात्र भुगत रहे हैं, इसमें हमारी क्या गलती है। प्रशासन आसामाजिक तत्वों पर नियंत्रण करे। यह दूसरी बार पेपर था मेरा। एक तो चलने में वैसे ही दिक्कत है। टोटल 10 हजार रुपए खर्च कर चुका हूं, सोचा था भर्ती हो जाएगी। इसमें छात्रों की क्या गलती है। मेरठ के एक इंटर कॉलेज में पेपर देने पहुंची दिव्यांग ज्योति ने बताया बहुत तैयारी की थी पेपर अच्छा था। लेकिन पेपर कैंसिल होने से ये सपना टूट गया। मेरे पति भी दिव्यांग है। हम कोई दूसरी नौकरी नहीं कर सकते शिक्षक ही बनकर गुजारा कर सकते हैं। लेकिन पेपर निरस्त होने से वो मौका भी चला गया।


मेरठ जिले में 54 केंद्रों पर पहली पाली में 24, 915 अभ्यर्थी थे,  जबकि दूसरी पाली में 20,173 अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी थी। पहली पाली 10 से 12:30 होनी थी, जबकि दूसरी 2:30 बजे से 5 बजे तक परीक्षा होनी थी। वहीं, अचानक परीक्षा रद्द होने केे बाद परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।


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