मेरठ के विकास के लिए मेरठ महायोजना 2031 तैयार हो चुकी है। इस महायोजना का ड्राफ्ट जल्द ही मेरठ विकास प्राधिकरण को सौंप दिया जाएगा। 10 वर्षों में शहर में होने वाले विकास कार्य और बदलाव का खाका महायोजना 2031 में खींचा गया है। इस बार लगभग 1100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल की महायोजना तैयार की गई है। शहर का 500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल भी इस महायोजना में बढ़ गया है।
ड्राफ्ट मिलने के बाद प्राधिकरण शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर दस वर्षों के प्लान पर हर क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों के लिए प्रदर्शनी लगाएगा। जिसमें सुझाव और आपत्तियों पर बात की जाएगी। इस बार महायोजना को ऑलमंड ग्लोबल कंपनी ने तैयार किया है। तय योजना के मुताबिक मेरठ महायोजना-2031को दिसंबर-2021 में लागू कर दिया जाएगा। इस कार्य को एक वर्ष पहले ही पूरा किया जाना था, लेकिन कोरोना के चलते कार्य पूरा नहीं हो सका था। वहीं इस बार महायोजना में रैपिड रेल सहित शहर से निकल रहे हाईवे, एक्सप्रेसवे आदि को शामिल किया गया है। इसके लिए विभागों से संपर्क कर महायोजना में चिन्ह दिखाए गए हैं। जिससे आम आदमी अपने शहर के विकास के बारे में जान सके। इस बार गंगा एक्सप्रेसवे के शहर से निकलने पर औद्योगिक क्षेत्रों को भी विशेष तरजीह महायोजना में दी गई है। वहीं, जो क्षेत्र रैपिड रेल से प्रभावित हो रहे हैं। उनका भी विशेष ध्यान महायोजना में रखा गया है। इन क्षेत्रों से वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग नीति के तहत सरकार को आमदनी होगी।
महायोजना में 500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल बढ़ने से शहर का विकास और तेजी से होगा। शहर के लिए शासन से आने वाली योजनाओं का विस्तार हो सकेगा। पहले महायोजना को लगभग 600 वर्ग किलोमीटर में तैयार किया गया था। जिसे बढ़ाकर अब 1100 वर्ग किलोमीटर में कर दिया गया है। इसमें दौराला, सरधना, खरखौदा के भी 124 गांवों को शामिल किया गया है। इससे अब क्षेत्रफल का विस्तार होने से विकास की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। मृदुल चौधरी, उपाध्यक्ष, एमडीए ने बताया कि महायोजना 2031 में भू-उपयोग में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ड्राफ्ट आने पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें जो सुझाव या आपत्तियां आएंगी उन पर शासन से विचार-विमर्श करने के बाद ही फैसला लिया जाएगा। दिसंबर-2021 तक महायोजना-2031 को लागू किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।