मेरठ, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने शहर में विकासपुरी क्षेत्र में मौर्यकालीन सभ्यता के अवशेष की खोज की है। विभाग का दावा है कि वहां मिलीं ईंट करीब दो हजार साल पुरानी हैं। अब जल्द ही प्रशासन को पत्र लिखकर संबंधित क्षेत्र को संरक्षित कराने का अनुरोध किया जाएगा। विभाग विस्तृत छानबीन में जुट गया है।
यूपी के मेरठ शहर के बीच विकासपुरी बिजलीघर के पास एक टीला है,जहा खुदाई के दौरान मौर्यकालीन अवशेष पाया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, मेरठ सर्किल के एसई डीजी गणनायक के अनुसार बिजली घर के पास एक पुराने घर की खुदाई के दौरान ईंटों से बना चबूतरा मिला है। बचे हुए चबूतरे की लंबाई चौड़ाई और मोटाई में प्रयोग होने वाली ईटों से यह मौर्य काल के आसपास का प्रतीत होता है। इसमें जो ईंट लगी है वह 2 हजार साल से अधिक पुरानी प्रतीत होती है। वह 42 सेंटीमीटर लंबी, 24 सेंटीमीटर चौड़ी और 8 सेंटीमीटर मोटी है। जो कि मौर्य काल के सम्राट अशोक के आसपास की मानी जा रही है। सम्राट अशोक का राज्यकाल ईसा पूर्व 269 से, 232 ईसा पूर्व रहा है। शुरूआती दौर में अवशेषों की पहचान मौर्य काल की एक ईंट मंच के रूप में की गई है उनका कहना है कि जिस साइज की ईंट इस चबूतरे में मिली है वह अशोक सम्राट के मौर्य काल के आसपास की ही है हालांकि, अभी उनका यह भी कहना है कि इसमें काम चल रहा है। और इसमें कुछ ज्यादा कह पाना अभी जल्दबाजी होगा।
दरअसल, मेरठ के हलचल भरे शहर के बीच वर्षों से अवशेष पर किसी का ध्यान नहीं गया, हालांकि पहली नजर में इसमें कुछ खास नहीं था इसके आसपास निर्माण होने से इसका एक बड़ा हिस्सा अब नहीं है। एएसआई के एसई के अनुसार निश्चित तौर से यह प्राचीनकालीन सभ्यता के अवशेष है। संभावना है कि उस क्षेत्र में और भी अवशेष हों। ऐसे में क्षेत्र को संरक्षित किया जाना आवश्यक है। प्रशासन को पत्र लिखकर जानकारी दी जाएगी। संरक्षित क्षेत्र घोषित किए जाने को लेकर जल्द ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यह टीला करीब 1050 वर्ग मीटर का है। संभावना है कि कुछ और अवशेष मिल सकते हैं।