By अंकित सिंह | May 18, 2022
उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद को लेकर अब विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। हर रोज इस मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। वहीं मथुरा में भी शाही ईदगाह और श्री कृष्ण जन्मभूमि के विवाद एक बार फिर से सुर्खियों में है और इसकी कोर्ट में सुनवाई की जा रही है। वहीं, ताजमहल के भी 22 बंद कमरों को खोलने की याचिका कोर्ट में डाली गई थी। हालांकि इसे कोर्ट की ओर से खारिज कर दिया गया। इन सब के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा पर निशाना साधा है। मायावती ने आरोप लगाया है कि भाजपा धार्मिक स्थलों को निशाना बना रही है और इसकी वजह से हालात बिगड़ सकते हैं।
मायावती ने कहा कि यह किसी से छिपा नहीं है कि भाजपा द्वारा धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे कभी भी हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने वर्षों के बाद ज्ञानवापी, मथुरा, ताजमहल व अन्य स्थलों के मामले में षडयंत्र के तहत लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा रहा है। बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि इससे अपना देश मज़बूत नहीं होगा, BJP को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके साथ ही विशेष कर एक धर्म समुदाय से जुड़े स्थानों के नाम बदलने की प्रक्रिया से अपने देश में शांति, सद्भाव नहीं बल्कि द्वेष की भावना उत्पन्न होगी।
वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी प्रकरण को मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया है। मुखिया ने वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद पर कहा, ज्ञानवापी मस्जिद बहुत पुरानी है। ये भाजपा द्वारा जानबूझकर की जा रही साजिश है। भाजपा के अदृश्य सहयोगी जो समय-समय पर बाहर निकल कर आते है और जानबूझकर नफरत के बीज बोते हैं। उन्होंने कहा, जहां तक अदालत का सवाल है तो इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) ने भी और दूसरे फैसलों में भी कहा गया है कि पुरानी चीजों को नहीं उठाया जा सकता है, बावजूद इसके भाजपा हिन्दू-मुस्लिम लोगों के बीच नफरत फैली रहे, इसके लिये ये मुद्दे उठा रही है।