साउथम्पटन। अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिये मशहूर ग्लेन मैक्सवेल विश्व कप में अपनी अनियमित आफ स्पिन गेंदबाजी से आस्ट्रेलिया की जीत के सूत्रधार बनना चाहते हैं। एरोन फिंच के कप्तान बनने के बाद से मैक्सवेल ने हर मैच में पांच ओवर औसतन डाले हैं। वहीं स्टीव स्मिथ की कप्तानी में उन्होंने औसतन 2.4 ओवर प्रति मैच डाले थे। उन्होंने भारत और यूएई दौरे पर तीन बार दस ओवर का कोटा भी पूरा किया। मैक्सवेल ने कहा कि मैने दुबई और भारत में कुछ ओवर गेंदबाजी की। कुछ और ओवर डालकर लय बनाये रखना चाहता था। मैने लंकाशर में काउंटी खेलते समय उसे कायम रखा।
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उन्होंने कहा कि एक अनियमित गेंदबाज के पास लय होना जरूरी है। मैं रन रोकने के लिये गेंदबाजी करता हूं। ऐसे में विरोधी टीम पर दबाव आ जाता है। मैं दूसरे गेंदबाजों के सहायक की भूमिका निभाना चाहता हूं। मैक्सवेल ने ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में अपनी जगह फिर पाने के लिये आईपीएल छोड़कर काउंटी क्रिकेट खेला। उन्होंने कहा कि आईपीएल नहीं खेलना बड़ा फैसला था। लंबे समय में मैं अपनी पहचान दो बार विश्व कप जीतने वाले खिलाड़ी के रूप में बनाना चाहता हूं, अमीर खिलाड़ी के रूप में नहीं।