नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी सरकार ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि दंड प्रावधान के तहत वैवाहिक बलात्कार पहले से ही अपराध है। आप सरकार ने कहा कि किसी भी महिला को यह अधिकार है कि वह अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इनकार कर दे क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन एवं निजी स्वतंत्रता की सुरक्षा) के तहत उसका अपना शरीर और निजता सुरक्षित है।
सरकार ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष यह दलील दी। यह पीठ वैवाहिक बलात्कार को अपराध ठहराने की मांग वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। दिल्ली सरकार की वकील नंदिता राव ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत वैवाहिक बलात्कार एक अपराध है और इस प्रावधान की भाषा पर्सनल लॉ और घरेलू हिंसा कानून की तरह है। दिल्ली सरकार की इस दलील का खासा महत्व है क्योंकि केंद्र सरकार ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध नहीं बनाने को लेकर जो कारण दिए थे उनमें से एक यह भी था।