By निधि अविनाश | Feb 22, 2022
बच्चा गोद लेने को लेकर इलाहबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने एक कपल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि, बच्चा गोद लेने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं है। हिंदू दत्तक और रखरखाव अधिनियम, 1960 के तहत कोई भी एकल माता-पिता बच्चा गोद लेने का पूरा हक रखता है।
क्या है मामला
जानकारी के लिए बता दें कि, एक ट्रांसजेंडर ने एक पुरुष के साथ 21 साल पहले शादी की थी। शादी के बाद दोनों ने बच्चा गोद लेने का फैसला किया। इसी बीच कपल को पचा चला कि बच्चा गोद लेने के लिए शादी का सर्टिफिकेट होना काफी जरूरी है। इसके बाद ट्रांसजेंडर और पुरुष कपल ने दिसंबर 2021 में वाराणसी में हिंदू विवाह के उप रजिस्ट्रार से मैरिज सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। लेकिन ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी दोनों को मैरिज सर्टिफिकेट नहीं मिला। काफी परेशानियां झेलने के बाद दंपत्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कपल ने मैरिज सर्टिफिकेट की मांग की। इसकी सुनवाई के दौरान जस्टिस डॉक्टर कौशल जयेंद्र ठाकुर और जस्टिस विवेक वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि, बच्चा गोद लेने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं है।