जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार ने अनुकूल वैश्विक और घरेलू संकेतकों से लाभ को बनाये रखा। कच्चे तेल के दाम में नरमी और कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम बेहतर रहने की संभावना से घरेलू स्तर पर सकारात्मक धारणा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक ने भी भरोसा जताया है कि सकल मुद्रास्फीति सितंबर में उच्च स्तर पर पहुंच गयी है और आने वाले समय में इसमें कमी आएगी। इससे वित्तीय बाजार में सकारात्मक संकेत गया और बैंक शेयर चढ़े।’’ रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि बाजार में हाल की तेजी का प्रमुख कारण वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख का होना है। कंपनियों के तिमाही परिणाम अभी तक मिले-जुले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि प्रमुख क्षेत्रों की भागीदारी बारी-बारी होने से बढ़त को समर्थन मिलेगा। कारोबारियों को दैनिक आधार पर जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए।’’
कारोबार के दौरान बीएसई मिडकैप (मझोली कंपनियों के शेयरों का सूचकांक) 1.06 प्रतिशत और स्मॉलकैप (छोटी कंपनियों के शेयरों का सूचकांक) 0.71 प्रतिशत चढ़ा। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में सकारात्मक रुख रहा। अमेरिकी शेयर बाजार वाल स्ट्रीट में सोमवार को अच्छी तेजी थी। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.65 प्रतिशत की गिरावट के साथ 91.02 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे टूटकर 82.37 (अस्थायी) पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार शुद्ध रूप से बिकवाल बने हुए हैं। उन्होंने सोमवार को 372.03 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।