By अनन्या मिश्रा | May 01, 2024
म्यूजिक इंडस्ट्री के बेहतरीन गायकों की लिस्ट में शामिल मन्ना डे किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। आज ही के दिन यानी की 01 मई कलकत्ता में मन्ना डे का जन्म हुआ था। उनका असली नाम प्रभोध चंद्र डे था। उनकी कमी आज भी इंडस्ट्री में कोई पूरी नहीं कर सकता है। उन्होंने सिनेमा को सदाबहार गाने दिए थे। उनके गाने आज भी लोग सुनना व गुनगुनाना पसंद करते हैं। उन्होंने 'बाबू समझो इशारे', 'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे', 'एक चतुर नार', 'प्यार हुआ इकरार हुआ' गाने गाए हैं। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके सिंगर मन्ना डे के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में।
संगीत से लगाव
मन्ना डे को शुरूआत से ही संगीत से गहरा लगाव था। स्कूल में पढ़ाई के दौरान वह स्टेज शो भी किया करते थे। इसके बाद मन्ना डे की दिलचस्पी धीरे-धीरे स्पोर्ट्स में बढ़ने लगी। जिसके बाद वह बॉक्सिंग और पहलवानी करने लगे। लेकिन इन सबके बाद भी उन्होंने करियर के तौर पर संगीत को चुना। विद्यासागर कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद मन्ना डे ने कृष्ण चंद्र डे और उस्ताद दाबिर खान से संगीत की तालीम हासिल की।
सुरैया के साथ शुरू किया कॅरियर
संगीत की शिक्षा हासिल करने के बाद मन्ना डे ने साल 1939 में मायानगरी मुंबई का रुख किया था। इस दौरान उन्हें मुंबई में 3 साल संघर्ष करना पड़ा। मन्ना डे ने इस दौरान कई म्यूजिक डायरेक्टर्स को असिस्ट किया और तभी उनको पहला ब्रेक मिला। उस दौरान की मशहूर अदाकारा और सिंगर सुरैला के साथ उन्होंने अपने कॅरियर की शुरूआत करी। फिल्म 1942 में आई फिल्म 'तमन्ना' के गाने 'जागो आई उषा पोंची बोले जागो' से मन्ना डे इंडस्ट्री में चमक उठे।
क्यों खुद को राजेश खन्ना के कर्जदार मानते थे मन्ना डे
मन्ना डे ने संगीत की दुनिया में खूब नाम कमाया था। वह सिनेमा जगत के ऐसे गायक थे, जिनके फैन मोहम्मद रफी भी हुआ करते थे। वहीं मन्ना डे अभिनेता राजेश खन्ना के फैन थे। उन्होंने अधिकतर गाने राजेश खन्ना के लिए गाए थे। राजेश खन्ना जिस तरह से गाने को फिल्माते थे, वह अंदाज मन्ना डे को काफी पसंद आता था। एक बार तो गायक ने कह दिया था कि वह हमेशा राजेश कन्ना के कर्जदार रहेंगे। क्योंकि उनके द्वारा गाए गानों को राजेश खन्ना जिंदादिल बना देते थे।
मन्ना डे की पर्सनल लाइफ
बता दें कि मन्ना डे ने केरल की रहने वाली सुलोचना कुमारन से शादी की थी। मन्ना और सुलोचना की दो बेटियां शुरोमा और शुमिता हैं। पत्नी के निधन के ठीक एक साल बाद 24 अक्टूबर 2013 को मन्ना डे ने आखिरी सांस ली थी।
मन्ना डे के बेस्ट गाने
मन्ना डे ने करीब 3 हजार के अधिक गानों में अपनी आवाज दी थी। उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर कई अवॉर्ड्स अपने नाम किए थे। साल 1971 में मन्ना डे को पद्म श्री, 2005 में पद्म भूषण, 2007 में दादा साहेब फाल्के और 2011 में बंगा विभूषण से नवाजा गया था।