मनीष सिसोदिया का LG से सवाल, भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच से इतने भयभीत क्यों हैं?

By अंकित सिंह | Sep 01, 2022

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल के बीच लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई है। टकराव का आलम यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच होने वाली सप्ताहिक बैठक लगातार तीसरी बार स्थगित करनी पड़ी। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी लगातार उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। वही, उपराज्यपाल ने साफ तौर पर कहा है कि आम आदमी पार्टी की ओर से जो भी उनके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं, वह झूठे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वह इस तरह के आरोप लगाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। इन सब के बीच एक बार फिर से दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ आप नेता मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल पर निशाना साधा है। मनीष सिसोदिया ने सवाल पूछा कि वह अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच से इतने भयभीत क्यों है?

 

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आपको बता दें कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली में शराब नीति को लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इसमें मनीष सिसोदिया का भी नाम सामने आ रहा था। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी उपराज्यपाल पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। इससे पहले राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने उपराज्यपाल से पूछा था कि क्या उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ भी जीरो टॉलरेंस की नीति नहीं होनी चाहिए? आम आदमी पार्टी की ओर से चौतरफा वार के बीच गोपाल राय ने भी ट्वीट कर राज्यपाल से पूछा है कि अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो जांच से क्यों डर रहे हैं? वहीं, आज भी उपराज्यपाल की ओर से अरविंद केजरीवाल पर पलटवार किया गया है। उपराज्यपाल ने साफ तौर पर कहा है कि हताशा में वह विषय से भटकाने वाले तरीके अपना रहे हैं और झूठे आरोप लगा रहे हैं।


उपराज्यपाल ने अपने ट्वीट में लिखा कि मैंने सुशासन की, मैंने सुशासन की, भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की और दिल्ली की जनता के लिए बेहतर सेवा की वकालत की थी। लेकिन दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने हताशा में भटकाने वाले तरीके अपनाए और झूठे आरोप लगाए। आपको बता दें कि ‘आप’ के विधायक दुर्गेश पाठक ने दिल्ली विधानसभा में आरोप लगाया था कि सक्सेना ने 2016 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष के रूप में अपने कर्मचारियों पर 1400 करोड़ रुपये के चलन से बाहर हो चुके नोट बदलवाने का दबाव डाला था। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी उपराज्यपाल के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए है। 


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