By अंकित सिंह | Jun 24, 2023
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए आज (24 जून) राष्ट्रीय राजधानी में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। मणिपुर में 3 मई के बाद से अभी भी हिंसा की लगातार खबरे आ रही हैं। राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 120 लोगों की जान चली गई और 3,000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया।
भाग लेने वालों में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह (कांग्रेस), डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड सिंह (एनपीपी), एम थंबी दुरई (एआईएडीएमके), तिरुचि शिवा (डीएमके), पिनाकी मिश्रा (बीजेडी), संजय सिंह (आप), मनोज झा (आरजेडी) और प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना) शामिल थे। बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, नित्यानंद राय और अजय कुमार मिश्रा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका भी शामिल हुए। बैठक से बड़े नेताओं ने दूरी बना रखी है। बैठक में ममता बनर्जी, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल जैसे नेता शामिल नहीं हुए।
शाह ने पिछले महीने चार दिनों के लिए राज्य का दौरा किया था और पूर्वोत्तर राज्य में शांति वापस लाने के अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाकात की थी। विपक्षी दल स्थिति से निपटने के तरीके को लेकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं क्योंकि 50 दिनों के बाद भी हिंसा नहीं रुकी है। सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने ट्वीट किया कि गृह मंत्री को बताना चाहिए कि मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक में सीपीआई को क्यों नहीं आमंत्रित किया गया।