मेदिनीपुर (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को लोगों में इस डर को दूर करने का प्रयास किया कि राज्य में एनआरसी कराया जाएगा। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के डेबरा में एक प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि यह निराशाजनक है कि राज्य में एनआरसी कराए जाने के डर से लोगों ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में एनआरसी की कवायद नहीं होगी।’’
मुख्यमंत्री ने पहले भी कहा था कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी नहीं लागू होगा। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को दावा किया था कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के डर से अभी तक चार लोग आत्महत्या कर चुके हैं जबकि आवश्यक दस्तावेज हासिल करने के लिए कतारों में प्रतीक्षा करते हुए चार लोगों की मौत हो चुकी है। बनर्जी ने कहा कि डिजिटल राशन कार्ड जारी करने, बदलने और उसका उन्नयन करने के लिए नौ सितम्बर से 27 सितम्बर तक चलाया जाने वाला कार्यक्रम फिर से पांच नवम्बर से 30 नवम्बर तक चलेगा ताकि ‘‘राज्य के हर नागरिक को सहयोग मिल सके।’’
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मुख्यमंत्री ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब बंगाल के विभिन्न इलाकों में बीडीओ और अन्य दफ्तरों के साथ ही नगर निकायों के कार्यालयों के बाहर आवश्यक दस्तावेज जुटाने के लिए बड़ी- बड़ी कतार देखी जा रही हैं। लोगों में इस बात का भय है कि भविष्य में राज्य में एनआरसी कराया जा सकता है।