ममता ने कांग्रेस पर लगाया भाजपा से हाथ मिलाने का आरोप, अधीर ने किया पलटवार

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 02, 2021

कोलकाता| कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के रिश्तों में उस समय तल्खी और बढ़ गई जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ‘‘अविश्वसनीय’’ सहयोगी है, जिसने भाजपा के साथ हाथ मिला लिया है।

इस टिप्पणी पर कांग्रेस ने तीखा पलटवार किया और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर पार्टी को खत्म करने के लिए भाजपा से ‘‘सुपारी’’ लेने का आरोप लगाया। कांग्रेस और टीएमसी दोनों ने एक-दूसरे पर भाजपा के साथ हाथ मिलाने का आरोप लगाया।

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बनर्जी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे यह उम्मीद क्यों करनी चाहिए कि टीएमसी, कांग्रेस का समर्थन करेगी ‘‘जबकि उसने पिछले विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की हर सीट पर चुनाव लड़ा था।’’

टीएमसी प्रमुख ने कहा, ‘‘अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नीतियां नहीं हो सकतीं। हमने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया क्योंकि उसने हमें धोखा दिया था। उसने बंगाल के लोगों को धोखा दिया था। 2011 में बनी हमारी पहली सरकार के दौरान, कांग्रेस ने हमें बीच में छोड़ दिया, तब हमने गठबंधन नहीं छोड़ा था।’’

टीएमसी 2009 से कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग-2 सरकार का भी हिस्सा थी, लेकिन मनमोहन सिंह सरकारद्वारा खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के निर्णय के बाद गठबंधन से बाहर हो गई थी। बनर्जी ने दावा किया कि उन्होंने ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण संप्रग का साथ छोड़ दिया था।

टीएमसी प्रमुख ने सवाल किया कि कांग्रेस ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी को हराने के लिए माकपा के साथ गठबंधन क्यों किया। 1998 से 2004 तक भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार का हिस्सा होने पर बनर्जी ने कहा कि उन्होंने न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर राजग के साथ गठबंधन किया था।

उन्होंने दावा किया, ‘‘जब हम राजग का हिस्सा थे, तब अल्पसंख्यकों पर कोई हमला नहीं हुआ था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने भाजपा के साथ हाथ मिलाया है, लेकिन हम कभी उससे समझौता नहीं करेंगे। हम उनके जैसे नहीं हैं जो सामने विपक्ष का मुखौटा लगाते हैं और गुप्त समझौता करते हैं। हमें दूसरे राज्यों में इसलिए उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि कांग्रेस (भाजपा के खिलाफ) एक मुकाबला पेश करने में विफल रही।’’

बनर्जी ने अपनी हाल की गोवा यात्रा का उल्लेख किया जहां उनकी पार्टी अगले वर्ष विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने साथ ही कहा कि उनके पोस्टर फाड़े गए और उन्हें काले झंडे दिखाए गए।

उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘कांग्रेस के एक नेता भी उसी दौरान गोवा का दौरा कर रहे थे, लेकिन न तो उनके पोस्टर फाड़े गए और न ही उन्हें काले झंडे दिखाए गए।’’ बनर्जी ने दावा किया कि कांग्रेस ने भाजपा के साथ हाथ मिलाया है।

बाद में एक ट्वीट में, टीएमसी ने वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व को ‘‘भाजपा का सबसे बड़ा बीमा’’ बताया। टीएमसी ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व भाजपा का सबसे बड़ा बीमा है। पश्चिम बंगाल में, हम 2001 से लड़ रहे हैं और सफलतापूर्वक भाजपा को हरा रहे हैं। दूसरों पर आरोप लगाने के बजाय, कांग्रेस को भाजपा से प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए अपनी पार्टी के भीतर चीजों का ठीक करना चाहिए या दूसरों को राष्ट्रीय स्तर पर उनसे लड़ने देना चाहिए जिनके पास इच्छाशक्ति और इसकी क्षमता है।’’

आरोपों पर पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी पर कांग्रेस को खत्म करने के लिए भाजपा से ‘‘सुपारी’’ लेने का आरोप लगाया। लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता चौधरी ने कहा, ‘‘यही कारण है कि वे (टीएमसी नेता) लगातार कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं। उन्हें भाजपा के खिलाफ लड़ाई से समझौता करने के लिए खुद पर शर्म आनी चाहिए। टीएमसी विपक्षी खेमे में भाजपा का ‘ट्रोजन हॉर्स’ है।’’

उन्होंने कहा कि बनर्जी को यह बताना चाहिए कि पिछले 10 वर्षों में पश्चिम बंगाल में भाजपा-आरएसएस ने जमीन कैसे हासिल की। उन्होंने कहा, ‘‘2011 में जब टीएमसी सरकार सत्ता में आई थी, आरएसएस के शाखाओं की संख्या केवल 200-250 थी। अब संख्या कुछ हजारों में है।’’

विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने के बाद, बनर्जी ने जुलाई में दिल्ली का दौरा किया था और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा विरोधी दलों का गठबंधन बनाने के तरीके का पता लगाने के लिए विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत की थी।

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उन्होंने उक्त दौरे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी की हार पर टीएमसी द्वारा कटाक्ष किये जाने के बाद कांग्रेस और टीएमसी के बीच संबंधों में खटास आ गई। टीएमसी ने अपने मुखपत्र जागो बांग्ला में यह भी दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी नहीं बल्कि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी विपक्ष के चेहरे के रूप में उभरी हैं।

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