By अंकित सिंह | Jan 22, 2024
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता में अपनी सर्व-धर्म सद्भाव रैली शुरू की। यह रैली आज पहले आयोजित अयोध्या में राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' (प्रतिष्ठापन) समारोह के साथ मेल खाती है। अपनी ट्रेडमार्क सफेद और नीली बॉर्डर वाली सूती साड़ी और गले में शॉल लपेटे ममता बनर्जी के साथ विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेता और टीएमसी नेता भी थे। उन्होंने शहर के हाजरा मोड़ इलाके से 'संघति मार्च' शुरू किया।
कोलकाता में सर्वधर्म रैली में ममता बनर्जी ने कहा कि मैं चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा भगवान राम के बारे में बात करती है, लेकिन देवी सीता के बारे में नहीं बोलती क्योंकि उनकी पार्टी महिला विरोधी है। उन्होंने कहा कि मैं बंगाल में 34 वर्षों तक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से लड़ती रही; अब मैं देखती हूं कि वे ‘इंडिया’ गठबधंन की बैठकों में अपनी बातें थोपने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं भगवान राम की पूजा करने वालों के खिलाफ नहीं हूं लेकिन लोगों की खान-पान की आदतों में हस्तक्षेप पर मुझे आपत्ति है।
ममता ने कहा कि मुझे इसकी परवाह नहीं कि कौन किसकी पूजा करता है। मुझे देश में बेरोजगारी से दिक्कत है। कहाँ गया देश का पैसा? टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि आज बंगाल के लिए गौरव का दिन है, जहां पूरा देश धार्मिक कार्यक्रम में लगा हुआ है, वहीं बंगाल के लोग सड़क पर एक साथ खड़े होकर शांति की प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल धर्म की राजनीति नहीं करता, हमारा एक ही धर्म है और वो है- सबको सेवा देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने शहर के कालीघाट मंदिर में पूजा अर्चना के बाद रैली शुरू की। इससे पहले बनर्जी ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का ‘‘चुनावी हथकंडा’’ बताकर आलोचना की थी। मुख्यमंत्री हाजरा मोड़ से रैली का नेतृत्व कर रही हैं। इस दौरान वह मस्जिदों, गिरिजाघरों, गुरुद्वारे सहित विभिन्न धर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न पूजा स्थलों का दौरा करेंगी। रैली का समापन पार्क सर्कस मैदान में एक विशाल सभा के साथ होगा।