By अंकित सिंह | Jul 27, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई नीति आयोग की बैठक से नाराज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यह दावा करते हुए बाहर चली गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका माइक म्यूट कर दिया गया था और उन्हें पांच मिनट से ज्यादा बोलने की इजाजत नहीं दी गई। इस बीच, प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने बनर्जी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया। एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया है कि यह दावा भ्रामक है। घड़ी ने केवल यह दिखाया कि उनके बोलने का समय समाप्त हो गया था। यहां तक कि इसे चिह्नित करने के लिए घंटी भी नहीं बजाई गई।
इस बीच, बीजेपी ने बनर्जी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्ष के कुछ लोगों ने नीति आयोग को बहिष्कार का मंच बना लिया है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि बनर्जी हर मंच पर हर चीज का विरोध करने की राजनीति के जरिये राजनीतिकरण करने की कांग्रेस से प्रतिस्पर्धा में हैं। बनर्जी ने पहले कहा था कि अगर उन्हें वहां अपनी बात रखने की इजाजत नहीं दी गई तो वह बैठक छोड़कर चली जाएंगी।
इससे पहले ममता ने दावा किया कि मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी लेकिन मुझे केवल 5 मिनट के लिए बोलने की अनुमति दी गई। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मुझसे पहले के लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की। विपक्ष से मैं अकेली था जो भाग ले रही थी लेकिन फिर भी मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि मैं बोल रही थी, मेरा माइक बंद हो गया। मैंने कहा आपने मुझे क्यों रोका, आप भेदभाव क्यों कर रहे हैं। मैं बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए बजाय इसके कि आप अपनी पार्टी, अपनी सरकार को अधिक गुंजाइश दे रहे हैं। विपक्ष की ओर से सिर्फ मैं हूं और आप मुझे बोलने से रोक रहे हैं...यह सिर्फ बंगाल का ही नहीं बल्कि सभी क्षेत्रीय पार्टियों का अपमान है।
दरअसल, विपक्ष शासित राज्यों के लगभग सभी मुख्यमंत्रियों का आरोप है कि इस बार के केंद्रीय बजट में उनका हक नहीं दिया गया है। यहीं कारण है कि वो लोग नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। आज नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट भाजपा का बहिष्कार करने वाले राज्यों और लोगों के प्रति प्रतिशोध की कार्रवाई जैसा प्रतीत होता है। उन्होंने इंडिया ब्लॉक को वोट देने वालों से बदला लेने के लिए बजट तैयार किया है। केंद्र की भाजपा सरकार लगातार तमिलनाडु की उपेक्षा कर रही है।