By एकता | Feb 05, 2024
4 फरवरी को दुनियाभर में 'विश्व कैंसर दिवस' मनाया गया। कैंसर की बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल ये दिन मनाया जाता है। कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। इसका इलाज भी है, लेकिन वो बहुत कष्ट देने वाला होता है। कैंसर पीड़ितों को इलाज के दौरान कष्टमय स्थिति में गुजरना पड़ता है। इसके दौरान उन्हें बहुत अधिक शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ती है। इसलिए एक्सपर्ट लोगों को समय रहते कैंसर के खतरे को कम करने के लिए उपाय आजमाने के लिए कहते हैं। ये उपाय क्या है, चलिए आपको बताते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर पोषण जरुरी- कैंसर के खतरे को कम करने के लिए सेलुलर सुरक्षा को मजबूत करना जरुरी है। इसलिए अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजों को शामिल करें। एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों से लड़ने में मदद करता है। ये मुक्त कण कैंसर के खतरे को बढ़ाने का काम करते हैं। लहसुन, पत्तेदार सब्जियां, डार्क चॉकलेट और बेरी जैसे फ्रूट्स और सब्जियों का रोजाना सेवन करना फायदेमंद रहेगा।
रोजाना एक्सरसाइज करना जरुरी- एक्सरसाइज सिर्फ शरीर को फिट रखने के लिए नहीं होती है। ये शरीर को कई बीमारियों से बचाने का काम भी करती है। कैंसर के खतरे को कम करने के लिए एक्सपर्ट लोगों को अपने रूटीन में एक्सरसाइज शामिल करने की सलाह देते हैं। रोजाना एक्सरसाइज करने से वजन कंट्रोल में रहता है, जिसकी वजह से हार्मोन नियंत्रित रहते हैं और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। ये सभी चीजें कैंसर के खिलाफ एक शक्तिशाली ढाल प्रदान करती हैं। इसलिए रोजाना 40 मिनट तो कम से कम एक्सरसाइज करें।
तम्बाकू छोड़ना जरुरी- कैंसर से बचना चाहते हैं तो तम्बाकू का सेवन करना बिलकुल बंद कर दें। तम्बाकू का सेवन करना फेफड़े, गले समेत कई कैंसर का एक प्रमुख कारण है। इसलिए समय रहते तम्बाकू से दूरी बना लें, वरना बाद में पछताना पड़ेगा। धूम्रपान करने वाले ही नहीं बल्कि ऐसे लोगों के संपर्क में आने वालों को भी कैंसर होने का खतरा होता है। इसलिए धूम्रपान करने वाले लोगों के संपर्क में आने से बचें।
नियमित स्क्रीनिंग को प्राथमिकता देना जरुरी- कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। शुरुआती चरण में कैंसर का पता लगने से इसका इलाज आसान हो जाता है और पीड़ित व्यक्ति की जान बच सकती है। इसलिए नियमित जांच करना जरुरी हो जाता है। कैंसर का पता लगाने के लिए मैमोग्राम, कोलोनोस्कोपी, पैप स्मीयर और अन्य परीक्षणों का सहारा ले सकते हैं।