By अंकित सिंह | Jul 07, 2023
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी तूफान के बीच राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र जुलाई से शुरू होगा और 4 अगस्त तक चलेगा। यह फैसला शुक्रवार (7 जुलाई) को विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में लिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए नए सदस्य उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राकांपा नेता छगन भुजबल उपस्थित थे। भाजपा के सूत्रों ने कहा कि सत्र से पहले कैबिनेट विस्तार की संभावना नहीं है।
इसके साथ ही सूत्रों से दावा किया गया कि उन्होंने कहा कि 2 जुलाई को सरकार में शामिल हुए एनसीपी मंत्रियों को विभागों का आवंटन निकट भविष्य में हो सकता है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, मंत्रिपरिषद में केवल कैबिनेट मंत्री ही शामिल हो सकते हैं, राज्य मंत्री नहीं। दूसरी ओर, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के एक नेता ने कहा कि एक या दो दिन में विस्तार की योजना है। उन्होंने कहा, ''भाजपा और शिवसेना दोनों सदस्यों को जगह दी जाएगी।'' अजित पवार के सरकार में शामिल होने के बाद शिंदे खेमे में नाराजगी बढ़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
अजित पवार और उनके समर्थकों के अलग होने के बाद विभाजित हुई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सूत्रों के मुताबिक, 19 विधायकों ने हलफनामा देकर कहा है कि वे पार्टी संस्थापक शरद पवार के साथ खड़े हैं। छह विधायकों ने संदेश भेजकर दावा किया है कि वे शरद पवार गुट में बने रहेंगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को पार्टी विधायकों के साथ बैठक में संगठन को मजबूत करने का आदेश दिया और राज्य में एनसीपी और बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को शामिल किए जाने के बाद शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायकों में कोई नाराजगी नहीं है।