महाराष्ट्र चुनाव: बागियों को मैदान छोड़ने के लिए मनाने में जुटीं पार्टियां

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 07, 2019

 मुंबई। महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव में पार्टियां नामांकन भर चुके बागियों को मैदान छोड़ने के लिए मनाने में जुटी हैं। सोमवार को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है और अगर तमाम कोशिशों के बावजूद बागी डटे रहते हैं तो पार्टियों के प्रतिबद्ध मतों में बिखराव और नुकसान संभव है। बागियों से सबसे अधिक पीड़ित सत्तारूढ़ भाजपा के हैं जिसके 114 नेताओं ने 27 विधानसभा सीटों में आधिकारिक प्रत्याशियों के खिलाफ ताल ठोकी है। 

इसे भी पढ़ें: महाराष्ट्र युवा कांग्रेस का घोषणापत्र जारी, बेरोजगार युवकों को 5,000 रुपये भत्ता देने का किया वादा

पार्टी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और राज्य के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में बागियों को मनाने में जुटी है।  इसी तरह की कोशिश सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना और विपक्षी कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकंपा) कर रही है।  पंढरपुर सीट से कांग्रेस के स्थानीय नेता शिवाजीराव कलुंगे ने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया है जबकि मौजूदा कांग्रेस विधायक भारत भालके राकांपा में शामिल हो गए हैं और इस चुनाव में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी हैं।  

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस का सफाया हो चुका है, अब ‘कैल्शियम का इंजेक्शन’ देकर भी उसे नहीं बचाया जा सकता

एक नेता ने बताया कि 2014 में पंढरपुर से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी लेकिन सीट बंटवारे के तहत 2019 में यह सीट राकांपा को दे दी गई।  शिरोल सीट पर कांग्रेस-राकांपा आधिकारिक रूप से अनिल मडनायक का समर्थन कर रहे हैं लेकिन यहां राकांपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र पाटिल यादरवकर ने बगावत कर निर्दलीय पर्चा भरा है और उन्हें मनाने की कोशिश जारी है।  उल्लेखनीय है कि शनिवार की जांच के बाद 4,739 प्रत्याशियों का नामांकन वैध पाया गया। प्रत्याशी सोमवार तीन बजे तक नामांकन वापस ले सकते हैं। 

 

प्रमुख खबरें

PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती की मांग, अनुच्छेद 370 पर अपना स्टैंड किल्यर करे NC और कांग्रेस

जिन्ना की मुस्लिम लीग जैसा सपा का व्यवहार... अलीगढ़ में अखिलेश यादव पर बरसे CM योगी

Vivek Ramaswamy ने अमेरिका में बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों में कटौती का संकेत दिया

Ekvira Devi Temple: पांडवों ने एक रात में किया था एकविरा देवी मंदिर का निर्माण, जानिए पौराणिक कथा