नासिक। उत्तरी महाराष्ट्र के अहमदनगर, धुले, जलगांव, नंदुरबार और नासिक जिले कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करते थे लेकिन अब ये क्षेत्र धीरे-धीरे इस पार्टी के हाथों से फिसलते जा रहे हैं। अब भाजपा ने यहां अपनी पैठ बना ली है। विधानसभा चुनाव के आयोजन में अब कुछ दिन ही रह गए हैं। भाजपा उत्तरी महाराष्ट्र में अपने प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। उसने कांग्रेस-राकांपा दोनों को दिक्कत में डाल दिया है। इस क्षेत्र में कई नेताओं ने अपना दल बदला है। उत्तरी क्षेत्र के इन पांच जिलों में राज्य के 288 विधानसभा क्षेत्रों में से 47 विधानसभा क्षेत्र हैं। नंदुरबर क्षेत्र में जहां चार विधानसभा सीटें है, वहीं धुले, जलगांव में क्रमश: 11-11 सीटें हैं। इसके अलावा नासिक जिले में 15 विधानसभा सीट है और 12 विधानसभा सीट अहमदनगर जिले में है।
नंदुरबर और धुले जिले आदिवासी बहुल इलाके हैं और यहां पारंपरिक रूप से कांग्रेस मजबूत है। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री मानिकराव गवित पहले नंदुरबार के लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। वहां यहां नौ साल लगातार प्रतिनिधि बने रहे। हालांकि यहां कांग्रेस के गढ़ में पहली बार तब दरार आई थी जब भाजपा ने हिना गवित (राकांपा के दिग्गज नेता विजयकुमार गवित की बेटी) को पार्टी मे शामिल कर लिया। धुले और नंदुरबर जिले में कांग्रेस के पांच विधायक हैं और भाजपा के पास चार विधायक हैं। वहीं धुले के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरीश पटेल के बारे में ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
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नासिक में कांग्रेस के पास दो विधायक थे। इनमें से एक विधायक निर्मला गवित शिव सेना में शामिल हो चुकी हैँ। अहमदनगर में वैभव पिचड़ (अकोला) और राधाकृष्णा विखे पाटिल (शिरडी) क्रमश: राकांपा और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उत्तरी महाराष्ट्र में चुनाव में भाजपा की संभावनाओं पर बात करते हुए भाजपा के दिग्गज नेता एकनाथ खड़से ने कहा कि आने वाले चुनाव में भाजपा इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेगी क्योंकि उसने अपना यहां काफी प्रसार किया है।