By विजयेन्दर शर्मा | Sep 22, 2021
धर्मशाला। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के पूर्व में अध्यक्ष रहे श्री महंत ब्रह्म ऋषि महाराज ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं बाघम्बरी मठ के अध्यक्ष एवं निर्वाणी अखाड़े के महंत नरेंद्र गिरि महाराज के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये उनके निधन को संत समाज के लिये अपूर्णीय क्षति बताया है।
उन्होंने कहा कि महंत जी के असमय देवलोकगमन से देश स्तब्ध है। वह साधारण इंसान नहीं थे। उन्होंने हताश निराश लोगों को हमेशा सही रास्ता दिखाया। यही वजह है कि सुनकर लगता नहीं कि वह आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा सकते है। मैं उनसे कई बार प्रयागराज और कुंभ के दौरान मिला हूं। मुझे नहीं लगता कि महंत जी ऐसा कुछ कर सकते हैं। कुंभ के सफल आयोजन में उनके योगदान को संत समाज कभी नहीं भुला सकता।
जांच से पहले ही पुलिस को किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिये। इससे जांच भी प्रभावित हो सकती है। सारे घटनाक्रम को देखते हुये कई सारे सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये आत्महत्या है या सुनियोजित हत्या। लिहाजा इस मामले पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पहल करते हुये मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से करानी चाहिये। ताकि सच्चाई सामने आ सके।
गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि महाराज का शव प्रयागराज स्थित उनके बाघम्बरी मठ में फांसी के फंदे पर लटका मिला है। पुलिस को मौके पर सात पन्नों का सुसाइड नोट मिला है। मामले की जांच शुरू कर दी गयी है। व कुछ गिरफतारियां भी हुई हैं। इससे दोषियों के पकडे जाने की उम्मीद जगी है।