By रितिका कमठान | Jan 04, 2025
उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 का शानदार आयोजन करने के लिए पूरी तैयारी में जुटी हुई है। महाकुंभ के दिव्य और भव्य आयोजन के लिए राज्य सरकार लगातार काम करने में जुटी हुई है। राज्य सरकार इसे यादगार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस बार महाकुंभ 2025 को शानदार बनाने के लिए भारतीय रेलवे भी अपनी भागीदारी पेश कर रही है। भारतीय रेलवे भी महाकुंभ के आयोजन के लिए तैयारी कर रही है। इसके तहत टिकट प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने पर विचार हो रहा है।
आधिकारिक बयान के मुताबिक प्रयागराज रेलवे डिवीजन ने पहली बार रेलवे कर्मचारियों की जैकेट पर क्यूआर कोड बनाया है, जिसके जरिए डिजिटल रेलवे टिकट शुरू किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य है कि ये श्रद्धालुओं के लिए टिकट लेने की सुविधा आसान कर सकेगी। श्रद्धालुओं को टिकट के लिए लंबी कतारों में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। लोग इससे होने वाली असुविधा से बच सकेंगे। रेलवे अधिकारी टिकट प्रक्रिया को व्यवस्थित कर सकेंगे।
डिजिटल महाकुंभ के विजन पर काम करते हुए ही भारतीय रेलवे पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर टोल-फ्री हेल्पलाइन, एक वेबसाइट और महाकुंभ मेला ऐप लॉन्च कर चुकी है। इन कदमों के साथ ही डिजिटल महाकुंभ के विजन को भी मजबूती मिली है। बता दें कि इस पहल के तहत ही रेलवे कर्मचारियों को जैकेट पहनाए गए हैं, जिसपर बने क्यूआर कोड को स्कैन करके रेलवे टिकट मिलेगा।
ये पहल उत्तर मध्य रेलवे द्वारा शुरू की गई है, जो मूल रूप से महाकुंभ 2025 के लिए है। गौरतलब है कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुचेंगे, जिनके लिए टिकट प्रक्रिया को आसान बनाना बेहद जरुरी है। इस संबंध में प्रयागराज रेलवे डिवीजन के वरिष्ठ पीआरओ अमित मालवीय का कहना है कि वाणिज्यिक विभाग के कर्मचारी स्पेशल ड्यूटी पर प्रयागराज जंक्शन पर तैनात रहेंगे। ये कर्मचारी वो स्पेशल क्यूआर कोड वाली जैकेट पहनेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल फोन के इस्तेमाल से श्रद्धालु ये कोड स्कैन कर सकेंगे। इससे सीधे यूटीएस मोबाइल ऐप डाउनलोड हो सकेगा। ऐसा कर लाइन में लगकर टिकट बुक करने से वो समय बचा सकेंगे। महाकुंभ में आने वाली भारी भीड़ को देखते हुए और लंबी कतारों से बचते हुए श्रद्धालुओं को टिकट मिल सकेगा। गौरतलब है कि डिजिटल भुगतान प्रणाली न केवल समय बचाती है बल्कि बड़े पैमाने पर होने वाली सभाओं से जुड़ी रसद संबंधी चुनौतियों को भी कम करती है।
वरिष्ठ पीआरओ मालवीय ने आगे बताया कि क्यूआर कोड जैकेट पहने रेलवे कर्मी रेलवे परिसर के प्रमुख स्थानों पर तैनात रहेंगे ताकि श्रद्धालुओं को सुविधाजनक तरीके से टिकट बुक करने में सहायता मिल सके। इसके अतिरिक्त, क्यूआर कोड अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुँच प्रदान करेंगे, जिससे समग्र यात्रा अनुभव में वृद्धि होगी। उत्तर मध्य रेलवे की यह दूरदर्शी पहल डिजिटल इंडिया और डबल इंजन सरकार द्वारा परिकल्पित डिजिटल महाकुंभ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो श्रद्धालुओं को एक अनूठा और निर्बाध अनुभव प्रदान करती है।