By अंकित सिंह | Feb 02, 2024
राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलजेडी) के नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने शुक्रवार को नीतीश कुमार से मुलाकात कर उन्हें दोबारा बिहार का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी। दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार से लंबी खींचतान के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने जेडीयू छोड़ दी थी। असंतुष्ट नेता ने तब जेडीयू से इस्तीफे की घोषणा की और 2023 में अपना संगठन, राष्ट्रीय लोक जनता दल लॉन्च किया। एक्स पर इसकी घोषणा करते हुए उन्होंने लिखा, "श्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और उन्हें बिहार की एनडीए सरकार में फिर से मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।"
इससे पहले, नीतीश कुमार ने नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हाथ मिलाया था। हालांकि नीतीश और उपेंद्र कुशवाहा के रिश्ते पिछले दो दशकों से उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। 2014 के बाद के दौर को देखें तो उपेंद्र कुशवाहा उस वक्त बीजेपी के साथ रहे जब नीतीश कुमार महागठबंधन के हिस्सा थे। 2017 में जब नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हुई तो उपेंद्र कुशवाहा गठबंधन से बाहर हो गए थे। उन्होंने महागठबंधन के साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी उपेंद्र कुशवाहा अपने दम पर उतरे थे। लेकिन सफलता नहीं मिली।
इसके बाद उनकी पार्टी का जदयू में विलय हो गया। जब नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन में शामिल होने का फैसला किया था तब उपेंद्र कुशवाहा ही थे जो उन्हें राष्ट्रीय नेता बता रहे थे और प्रधानमंत्री पद के लिए आगे कर रहे थे। हालांकि, कुछ दिनों में दोनों के रिश्तों में तकरार हुई और उपेंद्र कुशवाहा ने अपने रास्ते अलग कर लिया। अब उपेंद्र कुशवाहा एनडीए के साथ है। नीतीश कुमार भी एनडीए के साथ है। दोनों का मिलन हुआ है। फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार के राजनीति में एक बार फिर से लव कुश समीकरण एक साथ लाने की कोशिश की जा रही है। दोनों नेता कुर्मी और कोईरी समाज से आते हैं।