By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 21, 2023
नयी दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर निशाना साधते हुए उन पर शिक्षा विभाग के खिलाफ ‘‘झूठे आरोप’’ लगाने और राष्ट्रीय राजधानी में कार्यरत शिक्षकों का ‘‘मजाक’’ उड़ाने का आरोप लगाया। सिसोदिया ने सक्सेना को लिखे पत्र में कहा कि उपराज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को भेजा गया पत्र राजनीतिक मकसद से लिखा गया था और शिक्षा विभाग के खिलाफ उनके ‘‘झूठे आरोप’’ दिल्ली के छात्रों और शिक्षकों का ‘‘अपमान’’ हैं।
शिक्षा विभाग का कार्यभार संभाल रहे सिसोदिया ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने राजनीतिक मकसद से पत्र लिखा और कहा कि दिल्ली के शिक्षा विभाग में कोई काम नहीं किया गया है। उनके आरोप दिल्ली के छात्रों और शिक्षकों का अपमान हैं। मैं उपराज्यपाल से अनुरोध करता हूं कि वह हमारे उन शिक्षकों के काम का मजाक न उड़ाएं, जिन्होंने विभाग में बेहतरीन काम किया है।’’ सक्सेना ने केजरीवाल को शुक्रवार को लिखे पत्र में शहर के शिक्षा विभाग को लेकर कई मामले उठाकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की थी।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2012-2013 में सरकारी स्कूलों में औसत उपस्थिति 70.73 प्रतिशत थी, जो साल दर साल लगातार गिरती गई और 2019-2020 में घटकर 60.65 प्रतिशत तक पहुंच गई। सिसोदिया ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों के 99.6 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए हैं और इन स्कूलों में बड़ी संख्या में छात्रों को अच्छे अंक मिले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उपराज्यपाल की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति को गलत आंकड़ों का हवाला देकर पत्र लिखना शोभा नहीं देता।’’ सिसोदिया ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े झूठे हैं और उन्होंने अपने बयान से राष्ट्रीय राजधानी की पूरी शिक्षा प्रणाली को ‘‘बदनाम’’ किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 16 लाख से घटकर 15 लाख रह गई है, जबकि हकीकत यह है कि छात्रों की संख्या बढ़कर 18 लाख पर पहुंच गई है। हमारे शिक्षा विभाग ने स्कूलों के बुनियादी ढांचे में भी बदलाव किया है। ‘टेंट (तम्बू) वाले स्कूल’ अब ‘टैलेंट (प्रतिभा) वाले स्कूल’ में बदल गए हैं।’’ उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ‘आप’ सरकार ने पिछले सात साल में ‘‘केंद्र और विभिन्न उपराज्यपालों द्वारा पैदा की गईं बाधाओं’’ के बावजूद शिक्षा विभाग में सभी आवश्यक काम किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं कि दिल्ली के बच्चों के भविष्य की खातिर आप दिल्ली सरकार के काम में बाधा डालने के बजाय सहयोग करें। संविधान ने आपको दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी है। आपको हमें अपना काम करने देना चाहिए और शहर में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए।’’ वहीं, केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर कहा कि दिल्ली के शिक्षकों, छात्रों और उनके माता-पिता ने मिलकर शहर की शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए पिछले सात साल में कड़ी मेहनत की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल को शिक्षा प्रणाली का अपमान करने के बजाय उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।’’ ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि सक्सेना का बयान ‘‘अपमानजनक’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘उपराज्यपाल का बयान अपमानजनक था। उन्होंने अपने पत्र में साफ झूठ बोला। उन्होंने कहा कि ‘आप’ के सत्ता में आने के बाद दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में छात्रों की संख्या कम हो गई है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह संख्या 2015 में 14.66 लाख थी और 2022 में बढ़कर 18 लाख हो गई है।’’ भारद्वाज ने दावा किया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़कर गरीब बच्चे भी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।