By अनन्या मिश्रा | Mar 01, 2023
मार्च का महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद अहम है। इस महीने जहां होली का त्योहार मनाया जाएगा तो वहीं चैत्र नवरात्र के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरूआत भी हो जाएगी। आपको बता कि मार्च के महीने में कई त्योहार पड़ेंगे। न सिर्फ हिंदू धर्म के लोगों बल्कि मुस्लिम लोगों के लिए भी मार्च का महीना काफी अहम है। क्योंकि मार्च में होली, चैत्र नवरात्रि, शब-ए-बारात, रमजान, रामनवमी सहित कई बड़े त्योहार पड़ रहे हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे के मा्रच 2023 में कौन-कौन से त्योहार हैं।
आमलकी रंगभरनी एकादशी
आमलकी एकादशी या फिर रंगभरी एकादशी होली से पहले पड़ती है। बता दें कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है। इस बार आमलकी एकादशी 3 मार्च को पड़ रही है। इस दिन व्रत रखने के साथ ही आंवले के पेड़ की पूजा की जानी चाहिए। वहीं जो लोग इस व्रत को नहीं रखते हैं, उन्हें आंवले का सेवन करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन आंवले के सेवन से पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं रंगभरनी एकादशी के दिन मथुरा में बांके बिहारी मंदिर होली का विशेष आयोजन किया जाता है। काशी में आमलकी एकादशी के अगले दिन शिव-पार्वती का गौना होता है। इस दौरान होली खेलते हुए पूरे शहर में डोला निकलता है।
होलिका दहन
इस वर्ष 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। वहीं होलिका दहन के अगले दिन 8 मार्च को रंग खेला जाएगा। बता दें कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होली का त्योहार मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के अनन्य भक्त प्रहलाद को होलिका ने जलाने की कोशिश की थी। जिसके बाद होलिका खुद अग्नि में जल गई थी। तभी से बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है।
शब-ए-बारात
मार्च का महीना मुस्लिमों के लिए भी बेहद अहम है। क्योंकि 8 मार्च को मुस्लिमों का प्रमुख त्योहार शब-ए-बारात भी है। इस दिन सभी मुस्लिम अल्लाह की इबादत कर दुआ मांगते हैं। इसके अलावा वह अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।
श्रीरंग पंचमी
चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी को रंग खेला जाता है। इस बार 12 मार्च को चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी को होली खेली जाएगी। बता दें कि रंगपंचमी को देव पंचमी भी कहते हैं। क्योंकि इस दिन देवी-देवता भी रंगोत्सव मनाते हैं। मान्यता के अनुसार, इस दिन रंगोत्सव से तमोगुण का नाश होने से जीवन में सुख और आनंद की वृद्धि होती है। देव पंचमी को लेकर मान्यता है कि होलाष्टक के दिन कामदेव के भस्म होने पर सभी देवताओं ने भगवान शिव से उन्हें जीवित करने की प्रार्थना की थी। भगवान शिव की कृपा से चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी वह फिर से जीवित हो गए थे। तब से रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाने लगा।
पापमोचिनी एकादशी
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पापों का अंत होता है और उसे देवलोक की प्राप्ति होती है। इस वर्ष पापमोचिनी एकादशी 18 मार्च को है। इस दिन लोग व्रत रखकर अपने अपने इष्ट देव की प्रार्थना करते हैं।
मासिक शिवरात्रि
हर महीने एक शिवरात्रि आती है। जिसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है। बता दें कि हर महीने की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार यह तिथि 20 मार्च को है। परिवार की सुख-शांति के साथ संतान को कष्टों से दूर रखने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। मान्यता के मुताबिक मासिक शिवरात्रि पर व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं कुछ लोग इस व्रत को हमेशा करते हैं।
चैत्र अमावस्या
चैत्र अमावस्या को भौमवती अमावस्या भी कहा जाता है। इस बार भौमवति अमावस्या 21 मार्च को पड़ रही है। चैत्र मास की अमावस्या तिथि को पितरों के निमित्त दान-पुण्य किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से पित्र देव प्रसन्न होते हैं।
चैत्र नवरात्रि
हिंदू नववर्ष का आरंभ चैत्र मास की प्रतिपदा से माना जाता है। वहीं इस प्रतिपदा से ही चैत्र के नवरात्रि का आरंभ होता है। इस बार 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि पड़ रहे हैं। इसके अलावा इस दिन महाराष्ट्र में धूमधाम से गुड़ी पड़वा का प्रमुख त्योहार मनाया जाता है।
गणगौर
गणगौर को मुख्य रूप से राजस्थान में मनाया जाता है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से यह शुरू होता है। इस साल 24 मार्च को गणगौर मनाया जाएगा। गणगौर में 16 दिनों तक पूजा चलती है। राजस्थान के अलावा यह पर्व हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात में भी मनाया जाता है। गणगौर को गौरी तृतीया भी कहा जाता है।
रमजान
मुस्लिमों के पाक महीने यानि की रमजान की शुरूआत 24 मार्च से हो रही है। इस पाक महीने में एक महीने रोज रखा जाता है। रोजा खोलने के बाद वह लोग ईद का त्योहार मनाते हैं। पाक महीने में रोजा रखने के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले खाना-पानी नहीं खाते हैं।
दुर्गाष्टमी
चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी और महाअष्टमी भी कहा जाता है। बता दें कि इस साल 29 मार्च को दुर्गाष्टमी है। नवरात्रि में व्रत रखने वाले लोग अष्टमी के दिन कन्याओं को माता स्वरूप मानकर भोजन करवाते हैं और उन्हें दान देते हैं।
रामनवमी
चैत्र नवरात्र की नवमी को भगवान राम का जन्म हुआ था। पूरे देश में रामनवमी पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार रामनवमी 30 मार्च को है। भगवान राम के जन्म के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। साथ ही इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान राम की पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं रामनवमी पर बड़ी संख्या में लोग अयोध्या के सरयू नदी में स्नान करते हैं।