By टीम प्रभासाक्षी | Jul 08, 2022
देश के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार में जन्मे शिंजो आबे ने सबसे लंबे वक्त तक जापान के प्रधानमंत्री का पद संभाला। आबे की पश्चिमी जापान में चुनाव प्रचार के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे जापान में काफी हद तकस्थिरता लाने का श्रेय आबे को दिया जाता है। हालांकि देश के शांतिवादी संविधान को संशोधित करने के उनके आह्वान ने जापान के कई लोगों के अलावा पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया और चीन को भी नाराज किया।
आबे की जीवन यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियों पर एक नजर:
1954: को तोक्यो में आबे का जन्म। उनके पिता शिंटारो आबे जापान के विदेश मंत्री रहे थे, जबकि दादा नोबुसुके किशी प्रधानमंत्री रहे।
1977: तोक्यो में सेइकी विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक करने के बाद वह तीन सेमेस्टर के लिए दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में सार्वजनिक नीति का अध्ययन करने के लिए अमेरिका गए। 1979: आबे ने कोबे स्टील में काम करना शुरू किया। कंपनी विदेशों में अपना विस्तार कर रही थी।
1982: विदेश मंत्रालय और सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) में नए पदों पर काम शुरू करने के लिए कंपनी छोड़ दी।
1993: पहली बार यामागुची के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत से जनप्रतिनिधि के तौर पर चुने गए। एक रूढ़िवादी के रूप में देखे जाने वाले आबे पार्टी के सिवाकाई गुट के साथ रहे, जिसका नेतृत्व एक बार उनके पिता ने किया था।
2005: आबे को प्रधानमंत्री जुनीचिरो कोइजुमी सरकार में मुख्य कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया। इसी साल उन्हें एलडीपी के प्रमुख के तौर पर चुना गया।
2006 : आबे पहली बार जापान के प्रधानमंत्री बने। आर्थिक सुधारों पर ध्यान देने के साथ-साथ उत्तर कोरिया के प्रति कड़ा रुख अपनाया।
2007: चुनावों में एलडीपी की करारी हार के बाद आबे ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया।
2012: एलडीपी का अध्यक्ष फिर चुने जाने के बाद आबे दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।
2013: वृद्धि को गति देने के लिए आबे ने आसान ऋण और संरचनात्मक सुधारों की विशेषता वाली अपनी ‘‘आबेनॉमिक्स’’ नीतियां शुरू कीं। चीन के साथ जापान के संबंधों में खटास आयी, लेकिन बीजिंग में एपेक शिखर सम्मेलन में आबे की चीनी नेता शी चिनफिंग के साथ मुलाकात के बाद रिश्तों में सुधार होना शुरू हुआ।
2014-2020: आबे एक बार फिर एलडीपी के नेता चुने गए। उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री दो अतिरिक्त कार्यकाल के दौरान यह पद संभाला।
2020: फिर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए आबे ने प्रधानमंत्री पद छोड़ा।
आठ जुलाई, 2022: शिंजो आबे पर देश के पश्चिमी हिस्से में चुनाव प्रचार के दौरान गोली चलायी गयी। अस्पताल में अंतिम सांस ली।