By नीरज कुमार दुबे | May 13, 2020
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में छत्तीसगढ़, लद्दाख, मणिपुर और मेघालय सहित नौ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया, जबकि अभी तक दमन एवं दीव, सिक्किम, नगालैंड और लक्षद्वीप में कोविड-19 का कोई मामला सामने नहीं आया है। कोविड-19 से निपटने में पंजाब की तैयारियों की हर्षवर्धन ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि देशभर में बुधवार तक कोरोना वायरस संक्रमण के 74,281 मामले सामने आए हैं और पिछले 14 दिनों में मामलों के दोगुनी होने की दर 11 थी, जिसमें बीते तीन दिनों में और अधिक सुधार आया और 12.6 हो गई। कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 2,415 हो गई है। बुधवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 122 लोगों की मौत हुई, जबकि संक्रमण के 3,525 नये मामले सामने आने के साथ कुल मामले बढ़ कर 74,281 हो गये। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 से मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत और स्वस्थ होने की दर 32.8 प्रतिशत है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. एसके सिंह ने पंजाब में कोविड-19 मामलों की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि 12 मई तक 22 जिले इस महामारी से प्रभावित थे, जबकि राज्य में कुल मामलों की संख्या 1,913 है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक लुधियाना, जालंधर और पटियाला, ये तीन जिले ‘रेड जोन’ में हैं। कुल 43,999 नमूने एकत्र किये गये हैं, जबकि संक्रमण के मामलों की पुष्टि होने की दर 4.3 प्रतिशत है। सिंह ने कहा कि पंजाब में कोविड-19 के मामलों में महाराष्ट्र के नांदेड़ हुजूर साहिब से लौटे तीर्थयात्रियों की संख्या अधिक है। कुल 4,216 में 1,225 की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। राज्य के समक्ष एक और चुनौती देश के विभिन्न हिस्सों से लौट रहे करीब 20,521 प्रवासी कामगारों के लौटने से है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में बुधवार सुबह आठ बजे तक कोविड-19 से 32 लोगों की मौत हुई है और संक्रमण के 1,914 मामले सामने आ चुके हैं। बयान के मुताबिक हर्षवर्धन ने बैठक के दौरान लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से अनुपालन कराना, संक्रमित लोगों के संपर्क में आये लोगों का पता लगाना, निरूद्ध क्षेत्र में समूची आबादी की जांच करना और आवश्यक वस्तुओं को घर-घर पहुंचाने जैसे पंजाब सरकार द्वारा अब तक उठाये गये कदमों की सराहना की। उन्होंने राज्य से अप्रभावित इलाकों में एसएआरआई और आईएलआई जांच और अधिक कराने का भी अनुरोध किया। साथ ही, गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं, जैसे कि टीकाकरण अभियान, टीबी के मामलों का पता लगाना एवं उनका उपचार करना, डायलिसिस रोगियों को खून चढ़ाने की व्यवस्था करना, कैंसर रोगियों की मदद और गर्भवती महिलाओं की देखभाल सुनिश्चित करने को भी कहा। हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘उपलब्ध आंकड़ों से संकेत मिलता है कि क्लीनिकों में टीबी के मामलों का पता चलने की संख्या में कमी आई है, राज्य को इस क्षेत्र को भी प्राथमिकता देने की जरूरत है।’’ हर्षवर्धन ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य में लौट कर आ रहे सभी लोगों के लिये आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करना अनिवार्य किया जाए। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) जारी रही और गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं हुई। सिद्धू ने कहा कि नांदेड़ साहिब से लौट रहे तीर्थयात्रियों की जांच की जा रही है और उन्हें पृथक-वास में रखा जा रहा है। प्रधान (स्वास्थ्य) सचिव अनुराग अग्रवाल ने कहा कि मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिये पड़ताल भी की गई, जिसमें पता चला कि पंजाब में हुई मौतों में एक बड़े हिस्से के मरीजों को पहले से कोई न कोई गंभीर बीमारी थी, जबकि 85 प्रतिशत रोगियों में कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मंगलवार तक कोविड-19 के 2.75 प्रतिशत मरीज आईसीयू में थे, 0.37 प्रतिशत वेंटिलेटर पर थे, जबकि 1.89 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन दिया जा रहा था। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि देश में प्रतिदिन जांच क्षमता बढ़ कर एक लाख जांच हो गई है। अब तक कुल 18,56,477 जांच की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की पंजाब के साथ बैठक विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों तथा रेड जोन के जिलाधिकारियों के साथ होने वाली चर्चा की श्रृंखला का हिस्सा थी।
पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट ने किये बड़े ऐलान
पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए 3,100 करोड़ रूपये आवंटित करने का निर्णय लिया। एक बयान में यह जानकारी दी गयी। बयान में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड से आवंटित किये गये 3,100 करोड़ रूपये में से करीब 2000 करोड़ रूपये जीवन रक्षक प्रणाली खरीदने के लिए और 1000 करोड़ रूपये प्रवासी मजदूरों के लिए निर्धारित किये गये हैं।
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आत्म-निर्भर भारत का मतलब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के आह्वान का मतलब यह कतई नहीं है कि हम दुनिया से अपने आप को काट लेंगे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के अभियान का यह अर्थ नहीं है कि भारत अपनी 'अर्थव्यवस्था को पृथक रखने वाला देश’ बन जाएगा। वित्त मंत्री ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री के इस आह्वान का मतलब एक भरोसे वाले भारत से है जो अपनी ताकत पर निर्भर रह सकता है और साथ ही वैश्विक स्तर पर भी अपना योगदान दे सकता है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश के पास क्षमता और उद्यमिता है, जिससे वह बेहतर क्षमता का निर्माण कर सकता है और दुनिया की मदद कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से जब प्रधानमंत्री ‘आत्मनिर्भर’ भारत की बात कर रहे हैं तो उसका मतलब सिर्फ देश के अंदर ही सिमट कर रहना नहीं है और न ही खुद को दुनिया से काटना है।’’ सीतारमण ने यहां 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘निश्चित रूप से यह एक विश्वास से परिपूर्ण भारत की ताकत को दिखाता है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि अस्पताल में काम आने वाले व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों यानी पीपीई, मास्क और वेंटिलेटर का उत्पादन इन 40 दिनों में काफी तेजी से बढ़ा है।’’ मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए लोगों से स्थानीय उत्पादों की खरीद करने का आह्वान किया। उनके इस आह्वान को ‘संरक्षणवाद’ से जोड़कर देखा जा रहा है। सीतारमण ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा और इससे हम एक आत्म-निर्भर भारत की ओर बढ़ सकेंगे। वित्त मंत्री ने कहा विभिन्न अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद इस पैकेज को अंतिम रूप दिया गया है।
परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सड़कों, रेलवे परियोजनाओं और अन्य कार्यों के ठेकेदारों को उनके दायित्वों को पूरा करने की समयसीमा में छह माह तक के विस्तार की घोषणा की। रियल एस्टेट परियोजनाओं के मामले में भी उनके पंजीकरण से लेकर कार्य पूर्ण होने की तय समय सीमा को छह माह के लिये बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय राज्यों के नियामकीय प्राधिकरणों को जरूरी सुझाव और परामर्श भेजेगा। सरकार के इस कदम से कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित विभिन्न परियोजनाओं के ठेकेदारों को राहत मिलेगी। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये देशभर में 25 मार्च 2020 से लॉकडाउन (पाबंदी) लागू हैं। जिसकी वजह से सभी तरह की गतिविधियां थम गई थी। लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त हो रहा है। वित्त मंत्री सीतारमण ने सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ब्योरा देते हुये कहा, ‘‘सभी केन्द्रीय एजेंसियां जैसे कि रेलवे, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग सहित तमाम एजेंसियां ठेकेदारों को बिना कोई हर्जाने के कार्यों को पूरा करने के लिये छह माह तक का समय-विस्तार देंगी।’’ उन्होंने कहा कि इस विस्तार में निर्माण कार्य और माल एवं सेवाओं के अनुबंध वाले कार्यों के साथ ही कार्य पूरा करने का दायित्व, पहले हासिल किये जाने वाले पड़ावों और सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी के मामले में रियायती अवधि का विस्तार भी शामिल है। वित्त मंत्री ने कहा कि ठेकेदारों के स्तर पर नकदी की तंगी को दूर करने के लिये सरकारी एजेंसिया उनकी आंशिक बैंक गारंटी को जारी कर सकती है। ठेकेदारों का जितना कार्य पूरा हुआ है उसके अनुरूप उनकी बैंक गारंटी को मुक्त किया जा सकता है। इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी उनके साथ थे। सीतारण ने कहा कि रियल एस्टेट परियोजनाओं पर भी कोविड- 19 का प्रभाव पड़ा है। आवास विकास परियोजनाओं के मामले में शहरी विकास मंत्रालय राज्यों के नियामकीय प्राधिकरणों (रेरा) को इस बाबत जरूरी प्रावधान करने के सुझाव देगा। रियल एस्टेट क्षेत्र की नई परियोजनाओं के पंजीकरण और पुरानी परियोजनाओं के पूर्ण होने की तिथि में भी छह माह तक का विस्तार दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि 25 मार्च से देश में लॉकडाउन लागू हुआ था। जिन परियोजनाओं के पंजीकरण अथवा कार्य पूर्ण होने की समय इसके आसपास था उनकी तिथि को स्वत: ही बिना किसी आवेदन के छह आगे बढ़ा दिया जाना चाहिये। इसके लिये परियोजना विकसित कर रहे डेवलपर से किसी प्रकार के आवेदन लेने की आवश्यकता नहीं है।
आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि नवंबर अंत तक
सरकार ने बुधवार को आकलन वर्ष 2020-21 के दौरान आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया। इसके साथ ही कर विवादों के निपटान के लिये लाई गई ‘विवाद से विश्वास योजना’ का लाभ भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित आर्थिक पैकज का ब्यौरा रखते हुये सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग के लिये कई तरह की राहतों का एलान करने के साथ ही पिछले वित्त वर्ष के लिये इस आकलन वर्ष में भरी जाने वाली व्यक्तिगत आयकर रिटर्न और अन्य रिटर्न दोनों के लिये अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 तक बढ़ी दी गई है। पुराने लंबित कर विवादों के निपटारे के लिये लाई गई विवाद से विश्वास योजना का लाभ भी अब 31 दिसंबर 2020 तक उपलब्ध होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत लंबित विवादों के निपटारे की चाह रखने वाले करदाता अब 31 दिसंबर 2020 तक आवेदन कर सकेंगे। इसके लिये उन्हें अलग से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। वित्त मंत्री ने एक अन्य घोषणा में कहा कि सभी धर्मार्थ न्यासों, गैर- कारपोरेट कारोबारों, पेशेवरों, एलएलपी फर्मों, भागीदारी फर्मों सहित को उनका लंबित रिफंड जल्द लौटाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले सरकार पांच लाख रुपये तक के 18,000 करोड़ रुपये तक रिफंड करदाताओ को कर चुकी है। यह रिफंड 14 लाख करदाताओं को किया गया।
3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसमएई) समेत उद्यमों को बिना गारंटी वाले 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा देने की घोषणा की। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा देते हुए संवाददाताओं को बताया कि इस स्वचालित कर्ज सुविधा से 45 लाख इकाइयों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के प्रेत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। वित्त मंत्री ने कहा कि यह कर्ज चार साल के लिये दिया जाएगा और 12 महीने तक किस्त से राहत दी जाएगी। इसके अलावा इस समय कर्ज नहीं चुका पा रही एमएसएमई इकाइयों के लिए भी कुल 20,000 करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा दी जाएगी। इससे 2 लाख इकाइयों को लाभ होगा। सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई के लिये ‘फंड ऑफ फंड’ गठित किया जा रहा है, इसके जरिये वृद्धि की क्षमता रखने वाले एमएसएमई में 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डाली जाएगी। इसके साथ एमएसएमई की परिभाषा बदली गयी है। इसके तहत अब एक करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाइयां सूक्ष्म इकाई कहलाएगी। अबतक यह सीमा 25 लाख रुपये थी। उन्होंने कहा कि इसके साथ एमएसएमई की परिभाषा के लिये कारोबार आधारित मानदंड बनाया गया है। इसके तहत 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली इकाइयां भी सूक्ष्म इकाइयां कहलाएंगी। मुख्य रूप से लघु इकाइयों को को परिभाषित करने के लिये यह मानदंड लाया गया है। सीतारमण ने कहा कि लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये निवेश और कारोबार सीमा बढ़ाने के जरिये उन्हें वित्तीय और अन्य लाभ उठाने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि 200 करोड़ रुपये तक के लिये सरकारी खरीद को लेकर वैश्विक निविदा पर पाबंदी होगी। इससे एमएसएमई को सरकारी निविदाओं में भाग लेने, प्रतिस्पर्धा करने और आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।
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एमएसएमई इकाइयों को मदद मिलेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बुधवार को कहा कि इसके साथ ही इस पैकेज से कंपनियों विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मदद मिलेगी। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार द्वारा घोषित कदमों से नकदी बढ़ेगी, उद्यमियों को सशक्त किया जा सकेगा और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाई जा सकेगी।’’ कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई सहित कंपनियों को तीन लाख करोड़ रुपये की ऋण सहायता देने की घोषणा की है। 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ब्योरा देते हुए सीतारमण ने कहा कि इससे 45 लाख छोटी इकाइयों को लाभ होगा। मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘वित्त मंत्री सीतारमण ने आज जो घोषणा की है उससे कंपनियों विशेषरूप से एमएसएमई क्षेत्र के समक्ष आ रही दिक्कतों को दूर करने में मदद मिलेगी।’’ इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री मंगलवार को कहा था कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार एक बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा करेगी।
'आर्थिक पैकेज से निराशा हुई'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आर्थिक पैकेज का ब्यौरा देश के समक्ष रखे जाने के बाद कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि इस पैकेज से निराशा हुई है क्योंकि इसमें गरीबों, प्रवासी श्रमिकों और मध्य वर्ग के लिए कुछ नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि वह देश के कमजोर वर्ग के 13 करोड़ लोगों के खातों में पैसे डाले। चिदंबरम ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछली रात प्रधानमंत्री ने पैकेज की घोषणा की थी, हालांकि कुछ ब्यौरा नहीं दिया था। वित्त मंत्री से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने जो घोषणा की उससे हमें निराशा हुई है।'' उन्होंने दावा किया कि इस पैकेज में गरीबों और प्रवासी कामगारों के लिए कुछ भी नहीं है। आज सबसे ज्यादा परेशान गरीब और प्रवासी श्रमिक हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें असहाय छोड़ दिया। चिदंबरम के अनुसार, ‘‘इस पैकेज में मध्यम वर्ग के लिए भी कुछ नहीं है। उन्हें कोई वित्तीय सहयोग नहीं दिया गया है। आईटीआर की तारीख बढ़ाई गई है, लेकिन यह वित्तीय सहयोग का कदम नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि नीचे की बड़ी आबादी (13 करोड़ लोगों) के खातों में पैसे डालने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वित्त मंत्री ने एमएसएमई (सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग) इकाइयों के लिए कुछ सहयोग की घोषणा की, लेकिन यह बड़ी इकाइयों के लिए लाभदायक होगा। इसका फायदा 45 लाख इकाइयों को मिलेगा। मुझे लगता है कि 6.3 करोड़ छोटी इकाइयों को छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम 20 हजार करोड़ रुपये के सबऑर्डिनेट फंड और 10 हजार करोड़ रुपये के कॉर्पस कोष का स्वागत करते हैं, लेकिन इसकी शर्तों के बारे में जानकारी का इंतजार है।’’ चिदंबरम ने कहा, ‘‘सरकार को अधिक खर्च करना चाहिए, उसे ज्यादा उधार लेना चाहिए, उसे राज्यों को अधिक उधार लेने की अनुमति देनी चाहिए, लेकिन ऐसा करने की उसकी इच्छा नहीं है।’’ पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि इस वक्त सरकार को वित्तीय घाटे की चिंता करने के बजाय जरूरतमंद लोगों के हाथों में पैसे देने चाहिए ताकि बाजार में मांग बढ़ाई जा सके। कुछ राज्यों में श्रम कानूनों में बदलाव के सवाल पर चिदंबरम ने आरोप लगाया कि भाजपा की राज्य सरकारों ने गलत समय पर यह किया है और इससे गलत परिपाटी स्थापित होगी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री की घोषणाओं से देश को घोर निराशा हुई है। गरीबों और मजदूरों को फिर उनके हाल पर छोड़ दिया गया।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्र निर्माता मजदूर आज ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि संकट के इस समर्य कर्ज देने की नहीं, बल्कि लोगों के खातों में पैसे डालने की जूरूरत है, लेकिन वित्त मंत्री की घोषणा से गरीबों, मजदूरों और मध्य वर्ग के खातों में एक रुपये नहीं पहुंचेगा। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लघु उद्योगों के लिये बिना गारंटी वाले 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा दिलाने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने गैर-वेतन भुगतान पर कर कटौती में एक चौथाई राहत तथा गैर-बैंकिंग कंपनियों को नकदी की अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध कराने की योजनाओं का भी ऐलान किया। इन उपायों का मकसद कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ से कंपनियों और इकाइयों को राहत देना है।
'आर्थिक पैकेज महज ‘एक बड़ा शून्य’ है'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर हमला करते हुए दावा किया कि केंद्र के विशेष आर्थिक पैकेज में राज्यों की मदद के लिए कुछ नहीं है और वह महज ‘एक बड़ा शून्य’ है। बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कोविड-19 संकट के दौरान लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''केंद्र सरकार द्वारा घोषित विशेष आर्थिक पैकेज कुछ नहीं बल्कि एक बड़ा शून्य है। यह लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश है। उसमें असंगठित क्षेत्र, सार्वजनिक व्यय और रोजगार सृजन के लिए कुछ नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ''कल जब प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की थी तब हम आशान्वित थे कि राज्यों के हितों का भी ख्याल रखा जाएगा, एफआरबीएम सीमा बढ़ायी जाएगी। लेकिन आज केंद्रीय वित्त मंत्री की घोषणा के बाद पाया गया कि कल जो कुछ कहा गया था वह एक झांसा था।’’ धनाभाव से जूझ रहे राज्यों को कुछ नहीं देने पर केंद्र पर प्रहार करते हुए तृणमूल कांग्रेस नेता ने दावा किया कि वह सहकारी संघवाद को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहा है।
'सोने के भंडार का उपयोग करना चाहिए'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बुधवार को सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को इस संकट की घड़ी में देश के सभी धार्मिक न्यासों में पड़े सोने के भंडार का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट से निपटने के लिए इससे कम से कम 76 लाख करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। चव्हाण ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार को देश में सभी धार्मिक ट्रस्टों में पड़े सोने को तुरंत अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए, जिसकी कीमत विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार कम से कम एक ट्रिलियन डॉलर है। सोने को कम ब्याज दर पर सोने के बॉन्ड के माध्यम से लिया जा सकता है। यह एक आपातकालीन स्थिति है।’’ संपर्क करने पर, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका विचार बहुत सरल है। उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक ट्रस्टों के पास 76 लाख करोड़ रुपये या एक ट्रिलियन डॉलर का सोना पड़ा हुआ है। अगर इन ट्रस्टों से मामूली ब्याज दर पर लिया जाता है, तो इसको निम्न मध्यम और गरीब वर्ग की हालत ठीक करने के लिए खर्च किया जा सकता है।
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रेल भवन को दो दिन के लिये बंद किया गया
मध्य दिल्ली में स्थित रेलवे के मुख्यालय, रेल भवन को एक कर्मचारी के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद बुधवार को दो दिन के लिये बंद कर दिया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रेल भवन के चौथे तल पर स्थित रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार के कार्यालय में लिपिक (क्लर्क) के पद पर तैनात एक कर्मचारी को छह मई को पृथक-वास में भेजा गया था। बुधवार को जारी आदेश के अनुसार, रेल भवन 14 और 15 मई को बंद रहेगा। इस दौरान सभी कमरों समेत पूरे भवन को संक्रमण मुक्त किया जाएगा। रेल भवन में ही रेलवे बोर्ड का दफ्तर है।
शराब पर कोरोना उपकर लगाने पर विचार
पंजाब सरकार शराब की बिक्री पर कोरोना उपकर लगाने पर विचार कर रही है। साथ ही उसने लॉकडाउन के बीच शराबघर बंद होने के चलते हुए वास्तविक नुकसान का आकलन करने के लिये तीन सदस्यीय समिति भी गठित की है। मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने शराब ठेकेदारों के लिये बुधवार को कुछ राहत की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार लॉकडाउन के दौरान 23 मार्च से छह मई के बीच हुए नुकसान की भरपाई के लिये लाइसेंसधारियों को मदद मुहैया कराएगी। हालांकि, उन्होंने शराब की दुकानों के अनुबंध 31 मार्च, 2021 से आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया, जो शराब ठेकेदारों की प्रमुख मांग थी। वे 37 और व्यावसायिक दिनों की मोहलत देने की मांग कर रहे थे। सिंह ने शराब की होम डिलीवरी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों का हवाला देते हुए यह फैसला शराब ठेकेदारों पर छोड़ दिया है। एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री, शिक्षा मंत्री और आवास तथा शहरी विकास मंत्री के एक मंत्रिसमूह को शराब की बिक्री पर विशेष कोरोना शुल्क लगाने के मुद्दे पर विचार करने के लिये कहा है। सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति भी गठित की है, जो लॉकडाउन के दौरान शराबघर बंद होने से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन करेगी।
महाराष्ट्र मे 15 मई से घर पर शराब
महाराष्ट्र में शराब की दुकानों पर लोगों की भीड़ रोकने के लिए 15 मई से घर पर शराब की आपूर्ति शुरू की जाएगी। राज्य के आबकारी विभाग ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। राज्य सरकार ने मंगलवार को शराब की घर पर आपूर्ति (होम डिलीवरी) की अनुमति दी थी। राज्य के आबकारी विभाग द्वारा जारी सरकारी आदेश के अनुसार दुकान मालिकों ने तैयारी के लिए कुछ और समय मांगा था इसलिए यह सेवा शुक्रवार से शुरू होगी। आदेश में कहा गया कि राज्य भर में शराब की होम डिलीवरी शुक्रवार से शुरू होगी। संक्रमण से अप्रभावित कुछ इलाकों में दुकानें पहले ही खोल दी गई हैं, उन्हीं इलाकों में यह सेवा दी जाएगी। एक दुकान का मालिक शराब पहुंचाने के लिए 10 से अधिक व्यक्तियों को नियुक्त नहीं कर सकता है और एक व्यक्ति एक बार में 24 बोतल से अधिक शराब नहीं ले सकता है।” उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करते हुए, सरकार ने यह भी आदेश दिया कि दुकान मालिक बोतल पर छपे मूल्य से अधिक कीमत नहीं ले सकता।
इसलिए पंजाब से घर लौट रहे प्रवासी मजदूर
केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने बुधवार को आरोप लगाया कि पंजाब सरकार प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त राशन वितरित करने में विफल रही है जिसके कारण वे राज्य से ‘‘पलायन’’ पर मजबूर हुए। एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा कई दिनों पहले ‘गरीब कल्याण योजना’ के तहत राज्य को राशन मुहैया कराया गया था, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक इसे जरूरतमंदों को वितरित नहीं किया। होशियारपुर के सांसद ने कहा कि इसीलिए बड़ी संख्या में प्रवासी पंजाब से अपने गृह राज्यों में लौट रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर राज्य में यह स्थिति जारी रही तो गरीबों की मुसीबतें और बढ़ेंगी व उनकी दशा बदतर हो जाएगी।’’ उन्होंने राज्य सरकार से अपील की है कि वह इस कठिन समय में लोगों की सहायता करे और उन्हें मोदी सरकार द्वारा प्रदत्त मुफ्त राशन तत्काल वितरित करे।
वकील कोट और लंबा गाउन नहीं पहनें
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक औपचारिक अधिसूचना के माध्यम से वकीलों से कहा है कि वे कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अगले आदेश तक वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कोट और लंबे गाउन नहीं पहने। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि ये परिधान नहीं पहनने चाहिए क्योंकि ये आसानी से वायरस की चपेट में आ सकते हैं। शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल एस कालगांवकर द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘मेडिकल परामर्श को ध्यान में रखते हुये सभी को सूचित किया जाता है कि मौजूदा हालात में कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के एहतियाती उपाय के रूप में सक्षम प्राधिकारी ने निर्देश दिया है कि अगले आदेश तक अधिवक्ता वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई के दौरान सफेद बैंड के साथ सादी सफेद पैंट/सफेद सलवार-कमीज/साड़ी पहन सकते हैं। शीर्ष अदालत की वेबसाइट के साथ ही यह अधिसूचना अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन और उच्चतम न्यायालय एडवोकेट्स ऑन रिकार्ड एसोसिएशन के सचिवों के साथ साझा की जा रही है। प्रधान न्यायाधीश की सवेरे टिप्पणी और शाम को इस बारे में अधिसूचना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि शीर्ष अदालत 25 मार्च से कोविड-19 महामारी के कारण देश में लागू लॉकडाउन के दौरान वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रही है और उसने अगले आदेश तक के लिये प्राक्सीमिटी कार्ड के माध्यम से वकीलों और न्यायालय के स्टाफ का प्रवेश भी निलंबित कर रखा है। इससे पहल, वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी। उस समय वह न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय के साथ एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। प्रधान न्यायाधीश के इस कथन का तत्काल असर देखने को मिला और वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कई वकील बगैर कोट और गाउन के पेश हुये।
कर्नाटक में जिम, फिटनेस केंद्र, गोल्फ कोर्स खुलने की संभावना
कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सीटी रवि ने 17 मई को लॉकडाउन के तीसरे चरण के समाप्त होने के बाद जिम, फिटनेस सेंटर और गोल्फ कोर्स खोलने की सरकार द्वारा अनुमति दिए जाने का बुधवार को संकेत दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज मैंने स्थानीय स्तर पर पर्यटन को पुनर्जीवित करने के बारे में चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात की और फिटनेस सेंटर, गोल्फ कोर्स खोलने और होटलों में सेवा शुरु करने की अनुमति देने पर विचार विमर्श किया।’’ उन्होंने कहा कि अगर फिटनेस केंद्र नहीं खोले जाते हैं, तो खिलाड़ियों की चुस्ती-फुर्ती प्रभावित होगी। रवि के अनुसार, उन्होंने मुख्यमंत्री को यह बात बतायी जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम सुरक्षा संबंधी सभी सावधानियों को सुनिश्चित करते हुए 17 मई के बाद जिम खोलने की अनुमति देंगे।''
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केंद्र के पैकेज से मिलेगी नयी जान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस संकट के कारण उत्पन्न स्थिति में अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज जारी किए जाने पर केंद्र सरकार को बधाई देते हुए बुधवार को कहा कि इससे प्रदेश के एमएसएमई क्षेत्र के लगभग तीन करोड़ लोग भी लाभान्वित होंगे। योगी ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के जिस आर्थिक पैकेज की घोषणा की है, उसी के क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) सेक्टर के लिए एक बहुत बड़ी घोषणा की गई है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक एमएसएमई इकाइयों वाला राज्य है। प्रदेश में लगभग तीन करोड़ लोग एमएसएमई क्षेत्र से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। केंद्र सरकार की इस घोषणा से इन लोगों को भी ताकत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की अभिनव योजना के जरिए एमएसएमई क्षेत्र में नयी जान फूंकने की कोशिश की थी लेकिन कोरोना संकट के कारण इसमें रुकावट आई। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए तीन लाख करोड़ रुपए के कर्ज़ की घोषणा, इस सेक्टर में काम करने वाले लोगों को अलग से मदद करने के साथ ही इस सेक्टर के कर्मियों की ईपीएफ की समस्या का समाधान करने के लिए भी जो महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, वे अभिनंदनीय हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए अपनी राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक पहले ही कर ली है और हम लोग बृहस्पतिवार से लोन मेला शुरू करने जा रहे हैं। योगी ने कहा कि प्रदेश में बृहस्पतिवार को एक साथ 36000 से अधिक एमएसएमई उद्यमियों के लिए ऋण मेले की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की गई है। कल 36000 उद्यमियों को एक साथ 1600 से 2000 करोड़ रुपए का कर्ज बांटा जाएगा।
सेंसेक्स 637 अंक की छलांग के साथ 32,000 के पार
कोरोना वायरस की मार से प्रभावित अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सरकार की ओर से 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणाा से बुधवार को शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला थम गया और सेंसेक्स 637 अंक की छलांग के साथ 32,000 अंक के पार निकल गया। दिन में कारोबार के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स एक समय 1,474.36 अंक ऊंचा चला गया था। हालांकि, बाद में इसने कुछ लाभ गंवा दिया और अंत में यह 637.49 अंक या 2.03 प्रतिशत की तेजी के साथ 32,008.61 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 187 अंक या 2.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ 9,383.55 पर बंद हुआ। कारोबारियों ने कहा कि निवेशक आर्थिक पैकेज के ब्योरे का इंतजार कर रहे हैं। इस वजह से बाजार दिन के उच्चस्तर तक जाने के बाद कुछ नीचे आया। सेंसेक्स की कंपनियों में में एक्सिस बैंक का शेयर सबसे अधिक 7.02 प्रतिशत चढ़ा। इसके अलावा अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, एमएंडएम और बजाज फाइनेंस में भी तेजी रही। दूसरी ओर नेस्ले इंडिया, सन फार्मा, हिंदुस्तान यूनिलीवर और भारती एयरटेल 5.38 प्रतिशत तक के नुकसान के साथ बंद हुए। कारोबारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में नई जान डालने के लिए बड़े आर्थिक प्रोत्साहन की घोषणा से घरेलू निवेशकों की बाजार के प्रति धारणा को बल मिला। मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि पैकेज सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 10 प्रतिशत होगा और आत्म-निर्भर भारत अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा बहुप्रतीक्षित पैकेज की घोषणा से निवेशकों का उत्साह लौटा। इससे बाजार में उल्लेखनीय बढ़त देखने को मिली। ज्यादातर क्षेत्रों के शेयर अच्छे लाभ के साथ बंद हुए।’’ मिडकैप और स्मॉलकैप में 1.97 प्रतिशत तक का लाभ रहा। बाजार बंद होने के बाद प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) सहित कंपनियों के लिए बिना किसी गारंटी के तीन लाख करोड़ रुपये की ऋण सहायता की घोषणा की। इसके अलावा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को 30,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा भी देने की घोषणा की गई है। इस बीच, अन्य एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख रहा। चीन का शंघाई कम्पोजिट और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहे। वहीं हांगकांग के हैंगसेंग और जापान के निक्की में गिरावट आई। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार नुकसान में कारोबार कर रहे थे। अंतरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में रुपया पांच पैसे की बढ़त के साथ 75.46 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 1.30 प्रतिशत के नुकसान से 29.59 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से मिलेंगी डीटीसी की बस
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि लॉकडाउन के बीच नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर फंसे यात्रियों के वास्ते अब स्टेशन से आगे की यात्रा के लिए डीटीसी की बस उपलब्ध होंगी। पुलिस के सूत्रों ने कहा कि शहर में सार्वजनिक परिवहन की आवश्यकता महसूस कर रहे लोगों के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) 11 जिला मुख्यालयों तक बस चलाएगा। उन्होंने कहा कि निजी वाहनों का इस्तेमाल करने वाले लोग भवभूति मार्ग या मिंटो रोड से जा सकते हैं, जबकि डीटीसी की बसों में यात्रा करने वाले लोगों को अजमेरी गेट के सामने पार्किंग क्षेत्र से सवार होना होगा। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर जारी कड़े दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए सभी इंतजाम किए गए हैं। कोरोना वायरस महामारी के चलते ट्रेन सेवाएं रोक दी गई थीं, लेकिन मंगलवार से आम जनता के लिए बिलासपुर, डिब्रूगढ़ और बेंगलूरू के लिए तीन ट्रेनों के रवाना होने के साथ ही नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से विशेष ट्रेन सेवा शुरू हो गई। इसी दिन चार ट्रेन पटना, अहमदाबाद, मुंबई और हावड़ा से यहां पहुंचीं। पुलिस उपायुक्त (रेलवे) हरेंद्र के. सिंह ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे अधिकारियों के करीबी समन्वय में बुधवार को पर्याप्त इंतजाम किए गए, लेकिन साथ ही कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन का पूरा ध्यान रखा गया है।
सबसे अधिक प्रवासी कामगार उप्र में आए
देश में सबसे अधिक प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश में आये हैं और अब तक 268 ट्रेनों के माध्यम से तीन लाख से अधिक प्रवासी कामगार एवं श्रमिक यहां आ चुके हैं। अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ''देश में सबसे अधिक प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश में आये हैं। प्रदेश में अब तक 268 ट्रेनों से लगभग 3,26,040 प्रवासी कामगार एवं श्रमिक आये हैं। प्रदेश में विगत दिनों में आये कामगार एवं श्रमिकों को मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद खाद्यान्न देकर घरों में अलग रहने के लिए भेजा जा रहा है।’’ उन्होंने बताया कि गोरखपुर में 43 ट्रेनों से 44,574 प्रवासी लोग आए हैं जबकि लखनऊ में 29 ट्रेनों से 33,894, प्रयागराज में 14 ट्रेनों से 17,162, जौनपुर में 15 ट्रेनों से 18,358, बरेली में छह ट्रेनों से 7,183, बलिया में नौ ट्रेनों से 11,362, प्रतापगढ़ में नौ ट्रेनों से 10,730, रायबरेली में सात ट्रेनों से 9,103, वाराणसी में 10 ट्रेनों से 11,002, आगरा में चार ट्रेनों से 4,833, कानपुर में सात ट्रेनों से 8, 533 प्रवासी कामगार एवं श्रमिक आये हैं। अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के 45 रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों का आवागमन हो रहा है। इसके अलावा लगभग 188 और ट्रेनों के लिए अनुमति दी गयी है। इनमें गुजरात से 63, महाराष्ट्र से 61, पंजाब से 45, राजस्थान से 14, ओडिशा से दो, तथा गोवा, कर्नाटक, त्रिपुरा, आन्ध्र प्रदेश से एक-एक ट्रेन शामिल है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों में गुजरात से 156, महाराष्ट्र से 38, कर्नाटक से आठ, पंजाब से 50, केरल से चार, तेलंगाना से चार, आन्ध्र प्रदेश से दो, राजस्थान से एक, तमिलनाडु से दो तथा मध्य प्रदेश से एक ट्रेन से प्रवासी कामगारों को लाया गया है। अवस्थी ने बताया कि परिवहन विभाग की बसों से 72 हजार से अधिक श्रमिकों व कामगारों को प्रदेश में वापस लाया गया है। इस प्रकार प्रदेश में चार लाख श्रमिक एवं कामगार व्यवस्थित रूप से लाये गये हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर प्रदेश में लॉकडाउन अवधि में पुलिस की कार्रवाई में अब तक धारा—188 के तहत 47,793 लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई। वाहनों की सघन जांच के दौरान 39,679 वाहन जब्त किये गये। लगभग 17.64 करोड़ रूपए का जुर्माना वसूल किया गया। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 2,28,400 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं। उन्होंने बताया कि कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 781 लोगों के खिलाफ 613 प्राथमिकी दर्ज करते हुए 280 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा फेक न्यूज के तहत अब तक 923 मामलों को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की गयी। बुधवार को कुल 29 मामलों को संज्ञान में लिया गया तथा साइबर सेल को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित कर दिया गया है। इनमें ट्विटर के नौ, फेसबुक के 19 और टिकटॉक का एक मामला शामिल है। फेक न्यूज के तहत अब तक कुल 31 प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 496 हॉटस्पॉट क्षेत्र के 325 थानान्तर्गत 8,52,886 मकान चिन्हित किये गये। इन क्षेत्रों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1916 है।
-नीरज कुमार दुबे