Lockdown के 26वें दिन संक्रमितों की संख्या 16 हजार पार, अब तक 538 मरे

By नीरज कुमार दुबे | Apr 19, 2020

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि मानवता के समक्ष संकट पैदा कर रही कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ लड़ाई ‘‘सबसे बड़ा अदृश्य युद्ध’’ है और देश के सभी अंगों के बीच उत्कृष्ट समन्वय के साथ भारत इस विषाणु का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल और सैन्य साजो-सामान कोरोना वायरस से पर्याप्त रूप से सुरक्षित हैं। सिंह ने साक्षात्कार में कहा कि सेना के तीनों अंगों और उनके सामरिक साजो-सामान को घातक संक्रमण से बचाने के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं और उन्हें सीमाओं पर चुनौती सहित किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार रखा गया है। कोविड-19 पर मंत्री समूह का नेतृत्व कर रहे सिंह ने कहा कि बलों को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए श्रेष्ठ प्रोटाकॉल आक्रामकता के साथ क्रियान्वित किए जा रहे हैं जिससे कि वे अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर राष्ट्रीय संकट से निपटने में सक्रिय भूमिका निभा सकें। उन्होंने कहा, ‘‘मानवता के समक्ष संकट खड़ा कर रहे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई हमारे जीवनकाल में संभवत: सबसे बड़ा अदृश्य युद्ध है जिसके हमारे स्वास्थ्य और राष्ट्र की आर्थिक सुरक्षा पर विभिन्न प्रभाव पड़ रहे हैं।’’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र के रूप में हम युद्धस्तर पर लड़ रहे हैं।’’ रक्षा मंत्री ने इन आशंकाओं को भी खारिज किया कि महामारी भारत की अभियानगत तैयारियों पर असर डाल सकती है। नौसेना की पश्चिमी कमान में 26 नाविकों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय, स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी निर्देशों का सेना, नौसेना और भारतीय वायुसेना पूरी तरह पालन कर रही हैं। सिंह ने कहा, ‘‘एक देश के तौर पर कोविड-19 संकट से हम युद्धस्तर पर निपट रहे हैं और सरकार की सभी एजेंसियां समन्वय के साथ काम कर रही हैं। सशस्त्र बल कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश का सहयोग कर रहे हैं।’’ यह पूछने पर कि क्या महामारी से सेना के संचालन पहलुओं पर असर पड़ा है, सिंह ने कहा कि वे हर तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और भारत की संप्रभुता की शत्रुओं से रक्षा करने के लिए हर स्थिति में सक्षम हैं। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास स्थिति का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत शत्रुओं के लान्च पैडों पर खुफिया सूचना पर आधारित लक्षित हमले कर उन पर दबदबा बनाए हुए है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सशस्त्र बल हर तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और मैं आपको आश्वासन दे सकता हूं कि हर स्थिति में हम अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए तत्पर हैं।’’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले दो हफ्ते से जैसा आपने नियंत्रण रेखा के पास जानकारी जुटाई होगी, हम शत्रुओं के लॉंच पैडों पर खुफिया सूचना आधारित लक्षित हमले के कारण शत्रु पर भारी पड़ रहे हैं और भारतीय जमीन पर पैर रखने से पहले ही हम उनका सफाया कर रहे हैं।’’ कोरोना वायरस महामारी से निपटने में सशस्त्र बलों की भूमिका पर रक्षा मंत्री ने कहा कि इससे लड़ने में सशस्त्र बलों की संचार, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, चिकित्सकीय सहयोग और इंजीनियरिंग में महारत का इस्तेमाल किया जा रहा है।


मरने वालों की संख्या 519 हुई


देश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़ कर 519 हो गई जबकि संक्रमण के मामले बढ़ कर 16,116 हो गए। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से 31 मरीजों की मौत हुयी और संक्रमण के 1,324 नये मामले सामने आये हैं। मंत्रालय के अनुसार देश में अभी कोविड-19 से संक्रमित 13,295 मरीज उपचाराधीन हैं, जबकि 2,301 लोगों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। इनमें एक व्यक्ति विदेश चला गया है। स्वस्थ होने वालों में 77 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। शनिवार शाम से अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें महाराष्ट्र और गुजरात से 10-10, पंजाब और उत्तर प्रदेश से तीन तीन, पश्चिम बंगाल के दो और दिल्ली, कर्नाटक तथा मध्य प्रदेश का एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। संक्रमण के कारण देश में हुई अब तक कुल 519 मौतों में महाराष्ट्र में सर्वाधिक 211 लोगों की मौत हुई। उसके बाद मध्य प्रदेश में 70, गुजरात में 58, दिल्ली में 43 और तेलंगाना में 18 लोगों की जान गई। उत्तर प्रदेश में मौत का आंकड़ा 17, पंजाब में 16, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 15-15, कर्नाटक में 14, पश्चिम बंगाल में 12 और राजस्थान में 11 पर पहुंच गया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में पांच लोगों की जान चली गई जबकि केरल और हरियाणा में तीन-तीन मौतें हुई हैं। झारखंड और बिहार में दो-दो मौतें हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह अद्यतन हुए आंकड़ों के अनुसार, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और असम में एक-एक व्यक्ति की मौत इस संक्रमण से हुई है। हालांकि राज्य सरकारों के आंकड़ों के आधार पर रविवार शाम 6:40 बजे जारी सूची में मृतकों की संख्या 538 बतायी गयी है।

 

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स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में संक्रमण के सबसे अधिक पुष्ट मामले महाराष्ट्र में 3,651, उसके बाद दिल्ली में 1,893, गुजरात में 1,604, मध्य प्रदेश में 1,407, तमिलनाडु में 1,372, राजस्थान में 1,351 और उत्तर प्रदेश में 1,084 मामले हैं। कोरोना वायरस के तेलंगाना में 844 मामले हैं, आंध्र प्रदेश में 603 और केरल में 400 मामले हो गये हैं। कर्नाटक में कोरोना वायरस के 384, जम्मू कश्मीर में 341, पश्चिम बंगाल में 310, हरियाणा में 233 और पंजाब में 219 मामले हैं। बिहार में संक्रमण के 86 और ओडिशा में 61 मामले सामने आए हैं। उत्तराखंड में 42 लोग वायरस से संक्रमित हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में 39 और छत्तीसगढ़ में 36 लोग संक्रमित हैं। झारखंड और असम में अब तक 35 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ में 23 और लद्दाख में 18 मामले हैं। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 14 मामले सामने आए हैं। मेघालय में 11 मामले, जबकि गोवा और पुडुचेरी में सात-सात, मणिपुर और त्रिपुरा में दो-दो मामले हैं, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक मामला सामने आया है। हालांकि मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक आंकड़ों के राज्यवार ब्यौरे की अभी जांच और पुन: पुष्टि बाकी है। वेबसाइट में यह भी कहा गया है कि नगालैंड के एक संक्रमित व्यक्ति को असम भेजा गया है।


ट्रेन, विमान सेवाओं का परिचालन शुरू करने पर फैसला नहीं


केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रविवार को स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने रेल या विमान यात्री सेवाओं का परिचालन शुरू करने का अभी कोई निर्णय नहीं किया है और इस विषय पर अभी कोई चर्चा करना व्यर्थ है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने रेल या विमान जैसी यात्री सेवाओं को शुरू करने के बारे में कोई समयसीमा तय की है, जावडेकर ने बताया ''इन्हें एक न एक दिन शुरू होना है, लेकिन किस दिन होंगी, उसके बारे में अभी कुछ नहीं कह सकते। इस बारे में चर्चा करना अभी व्यर्थ है क्योंकि हम प्रतिदिन दुनिया की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और रोज कुछ न कुछ नए सबक मिल रहे हैं। इस तरह से हम आगे बढ़ रहे हैं।'' जावडेकर ने बताया कि कुछ एयरलाइनों ने स्वत: ही 4 मई से बुकिंग शुरू करने का निर्णय किया और इस बारे में उन्होंने नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बात की है जिन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने अभी ऐसा कोई फैसला नहीं किया है। उन्होंने कहा, ''इस बारे में अंतिम निर्णय सरकार करेगी।' उन्होंने सुझाव दिया कि इस विषय पर किसी तरह की अटकलें न लगाएं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रसार से निपटने के लिए सरकार ने 25 मार्च से लागू लॉकडाउन को आगे बढ़ाते हुए इसे 3 मई तक कर दिया है। इस दौरान देश में सभी तरह के सार्वजनिक परिवहन, रेलमार्ग और हवाई मार्ग पर यात्रा प्रतिबंध लागू है। रेलवे ने भी तीन मई तक यात्री ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी है और एडवांस बुकिंग भी बंद रखी है। 


संक्रमण मुक्त इलाकों में मिलेगी सीमित छूट


स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के संक्रमण से अब तक मुक्त रहे इलाकों में सोमवार से लॉकडाउन के नियमों में सीमित छूट देने की जानकारी देते हुये बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के प्रभाव वाले हॉटस्पॉट जिलों में तीन मई तक लॉकडाउन का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने रविवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पूर्व निर्धारित योजना के तहत संक्रमण मुक्त क्षेत्रों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये कृषि संबंधी गतिविधियों की छूट दी जायेगी। उन्होंने 20 अप्रैल से संक्रमण मुक्त क्षेत्रों में लॉकडाउन से आंशिक छूट देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का जिक्र करते हुये कहा, ‘‘सोमवार का दिन बेहद अहम है, क्योंकि अब तक संक्रमण मुक्त रहे इलाकों में लगभग चार सप्ताह बाद रविवार मध्यरात्रि से आंशिक छूट दी जा रही है। लेकिन संक्रमण से प्रभावित इलाकों में कोई छूट नहीं होगी।’’ अग्रवाल ने कहा कि जिन इलाकों में विभिन्न गतिविधियों की आंशिक छूट मिलेगी, उन क्षेत्रों में यात्रा सेवायें, शैक्षिक संस्थान, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां पहले की तरह ही तीन मई तक प्रतिबंधित होंगी। साथ ही इन क्षेत्रों में सिनेमा तथा मॉल सहित आवश्यक सेवाओं से इतर अन्य सेवाओं से जुड़े सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में आंशिक छूट देने के समय इस बात का खास ध्यान रखा जायेगा कि धीरे-धीरे सामान्य हालात को बहाल करना है और इस दौरान सेवायें बहाल करने में कोई चूक न हो। संवाददाता सम्मेलन में आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के परीक्षण के लिये अब तक 3,86,791 सैंपल का परीक्षण किया जा चुका है। इनमें शनिवार को किये गये 37,173 परीक्षण भी शामिल हैं। गंगाखेड़कर ने बताया कि परीक्षण के काम में लगी सरकारी प्रयोगशालाओं की संख्या अब बढ़कर 194 और निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं की संख्या 82 हो गयी है।


ई-कॉमर्स नियमों पर सरकार का यू-टर्न


सरकार ने यू-टर्न लेते हुए लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगा दी। उल्लेखनीय है कि चार दिन पहले ई-कॉमर्स कंपनियों को मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और रेडीमेड परिधान आदि की बिक्री की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब इस ‘छूट’ को वापस ले लिया गया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस बारे में एक आदेश जारी किया है, जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों के वाहनों में ढुलाई से गैर-जरूरी सामान को हटा दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले कहा था कि टीवी और लैपटॉप भी ऑनलाइन बेचे जा सकते हैं जिसके बाद ई-कॉमर्स कंपनियों ने आर्डर लेने शुरू कर दिये थे। इस मुद्दे पर सरकार के यू-टर्न लेने के बारे में एक मीडिया ब्रीफिंग में पूछे जाने जाने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि देश में लागू लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री की अनुमति को वापस लेने का फैसला इसलिए किया गया कि ऐसा महसूस हुआ कि सामानों की सूची बहुत व्यापक है और इससे कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए लागू पाबंदियों पर असर पड़ सकता है।

 

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इस बीच, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को कहा कि अगर देश कोरोना वायरस संकट से बेहतर ढंग से निपटने में सफल रहता है, तब लोगों को और भी राहत मिल सकती है। उधर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना वायरस के संबंध में चिह्नित किए गए ग्रीन और ओरेंज क्षेत्रों में उद्योगों को नियंत्रित तरीके से कामकाज बहाल करने की अनुमति दी जाएगी। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस अर्थचक्र को 20 अप्रैल से घुमाना होगा।” हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तय किया है कि वह जारी लॉकडाउन में राहत नहीं देगी क्योंकि फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार थमा नहीं है। सरकार एक हफ्ते बाद फिर से स्थिति की समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में संक्रमण के अब तक 1,893 मामले सामने आये हैं और 43 लोगों की मौत हो चुकी है। 


दवा बिक्री के समय मरीज का नाम, पता लिखने का निर्देश


बिहार की राजधानी पटना सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में दवा दुकानदारों को सर्दी, खाँसी और बुखार के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की बिक्री के समय रसीद पर मरीज़ का नाम, पता और मोबाइल फोन नंबर लिखने का निर्देश दिया गया है। पटना नगर निगम क्षेत्र के सहायक औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास गुप्ता द्वारा दवा के खुदरा विक्रेताओं को जारी एक पत्र में कहा गया है कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश के अनुपालन में आप सभी को निर्देशित किया जाता है कि अपनी दुकान से सर्दी, खाँसी और बुखार के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां खरीदने वालों से मरीज़ का नाम, पता और मोबाइल फोन नंबर पूछे तथा उसे रसीद पर अवश्य लिखें। पत्र में यह भी कहा गया है कि रसीद की एक प्रति अलग से रखें एवं मांगे जाने पर प्रस्तुत करें।


जीएसटी से छूट देने की संभावना नहीं


सरकार जीवन रक्षक उपकरणों (वेंटिलेटर), व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), मास्क, परीक्षण किट और सैनिटाइजर जैसे चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी से संभवत: छूट नहीं देगी। क्योंकि इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) अवरूद्ध होगा और फलत: विनिर्माण की लागत बढ़ेगी जिससे ग्राहकों के लिये कीमत बढ़ेगी। कुछ तबकों की तरफ से जीवन रक्षक उपकरणों, पीपीई, मास्क, परीक्षण किट और सैनिटाजाइर जैसे सामान को जीएसटी (माल एवं सेवा कर) से छूट देने की मांग की गयी थी। उनका कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में इन जरूरी सामानों पर जीएसटी छूट से कीमतों में कमी आएगी। फिलहाल, जीवन रक्षक उपकरण पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत, मास्क पर 5 प्रतिशत, परीक्षण किट पर 12 प्रतिशत, सैनिटाइजर पर 18 प्रतिशत और पीपीई पर (1,000 रुपये तक की लागत पर) यह 5 प्रतिशत है और 1,000 रुपये से अधिक की कीमत पर 12 प्रतिशत है। 


दिल्ली में थमा नहीं है कोरोना वायरस का प्रसार


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने तय किया है कि वह जारी लॉकडाउन में कम से कम एक सप्ताह तक राहत नहीं देगी क्योंकि फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार थमा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लोगों का जीवन बचाने के उद्देश्य से किया गया है। केजरीवाल ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हाल में जो 736 नमूने एकत्रित किए गए, उनमें से 186 लोगों में शनिवार को संक्रमण की पुष्टि हुई और इनमें से किसी में लक्षण नजर नहीं आ रहे थे। इन लोगों को भी पता नहीं था कि वे वायरस की चपेट में आ चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने जब उनमें से एक से बात की तो उसने कहा कि वह लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा चलाए जा रहे खाद्य केंद्र पर भोजन देने का काम कर रहा था। मैंने उस केंद्र पर गए सभी लोगों की त्वरित जांच के आदेश दिए। हम पूरे शहर में सरकार संचालित केंद्रों में भोजन वितरित करने का काम कर रहे सभी लोगों की त्वरित जांच भी कराएंगे।” उन्होंने इससे पहले कहा था कि उनकी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में करीब 10 लाख लोगों को रोजाना भोजन उपलब्ध करा रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और सरकार एक हफ्ते बाद फिर से स्थिति का आकलन करेगी। दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक सरकार 27 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा करेगी। दिल्ली सरकार द्वारा शहर में आठ नए निषिद्ध क्षेत्रों की घोषणा के साथ कुल निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या 76 होने के बाद लॉकडाउन में ढील नहीं देने का फैसला लिया गया है। शहर में अभी तक करीब 1,900 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। निषिद्ध क्षेत्रों में लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं है और उनके घरों तक जरूरी सामान सरकार पहुंचाती है। केजरीवाल ने कहा, ‘‘जारी लॉकडाउन की वजह से अनेक लोग दिक्कतों का सामना कर रहे हैं... हम भी इसमें राहत देना चाहते हैं। लेकिन अगर हम छूट देते हैं और अगर अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन की कमी होती है तथा लोगों की जान जाने लगती है तो हम खुद को माफ नहीं कर सकेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर लॉकडाउन नहीं हुआ होता तो हमारी हालत भी इटली और स्पेन जैसी होती।’’ केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली में देश की दो प्रतिशत आबादी रहती है, लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 12 प्रतिशत मामले यहां हैं। मुख्यमंत्री ने पिछले महीने निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम और विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में यात्रियों के यहां आने को वायरस के प्रसार का कारण बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली इन दिनों मुश्किल जंग लड़ रही है। देश की राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण, विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में लोग यहां आए। दिल्ली को अन्य देशों से आने वाले अधिकतर यात्रियों का दंश झेलना पड़ा। दिल्ली को मरकज में हुए कार्यक्रम का भी परिणाम भुगतना पड़ा है।” केजरीवाल ने कहा कि अब तक शहर में कोरोना वायरस के 1,893 मामले सामने आए हैं और 43 लोगों की मौत हुई है। वर्तमान में 26 लोग आईसीयू में हैं और छह वेंटिलेटर पर हैं। 43 मृतकों में से 24 की उम्र 60 वर्ष से अधिक थी।


एअर इंडिया ने बंद की उड़ानों की टिकट बुकिंग


सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया ने विमानन मंत्री की सलाह के बाद सभी उड़ानों के लिये टिकटों की बुकिंग बंद कर दी है। कंपनी के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को विमानन कंपनियों को सलाह दी थी कि यात्री उड़ानें शुरू करने के बारे में सरकार से निर्देश प्राप्त होने के बाद ही वे टिकटों की बुकिंग शुरू करें। पुरी की सलाह से कुछ घंटे पहले एयर इंडिया ने कहा था कि उसने चार मई से चुनिंदा घरेलू मार्गों तथा एक जून से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिये टिकटों की बुकिंग शुरू कर दी है। कंपनी के अधिकारियों ने रविवार को बताया, ‘‘हमने सभी अग्रिम बुकिंग बंद कर दी है। कोई भी यात्री जिन्होंने टिकट बुक किया हो और संबंधित उड़ान रद्द हो जाये तो ऐसे में उक्त यात्री को बाद में टिकट बुक करने के लिये क्रेडिट वाउचर दिया जायेगा।’’ हालांकि, निजी क्षेत्र की कंपनियों ने चार मई के बाद की उड़ानों के लिये टिकटों की बुकिंग बंद नहीं की है।


आयकर रिटर्न फार्म में किया जा रहा बदलाव


आयकर विभाग ने रविवार को कहा कि वह वित्त वर्ष 2019-20 के लिये आयकर रिर्टन फार्म में संशोधन कर रहा है ताकि करदाता कोरोना वायरस महामारी के कारण सरकार से मिली राहत का लाभ उठा सकें। वित्त वर्ष 2019-20 के लिये नये आयकर रिटर्न फार्म को माह के अंत तक अधिसूचित किया जाएगा। रिटर्न फाइल करने की सुविधा 31 मई तक उपलब्ध होगी। सरकार ने कराधान और अन्य कानून (कुछ प्रावाधानों में छूट) अध्यादेश, 2020 के जरिये आयकर कानून, 1961 के तहत विभिन्न समयसीमा को आगे बढ़ाया है। इसके तहत 2019-20 में आयकर कानून के अध्याय VIA-B के तहत कटौती का दावा करने के लिये निवेश या भुगतान को लेकर समयसीमा बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गयी है। इसमें 80 सी के तहत एलआईसी, पीपीएफ, एनएससी आदि तथा 80 डी के तहत स्वास्थ्य बीमा और 80 जी के तहत चंदा शामिल हैं।

 

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सरकार ने शुरू किया डिजिटल प्रशिक्षण मंच


सरकार ने बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से निपटने में सक्षम स्वास्थ्य कर्मियों को तैयार करने के लिए एकीकृत डिजिटल प्रशिक्षण मंच की शुरुआत की है। यह मंच डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल, स्वच्छता कर्मी और प्रौद्योगिकीविदों को कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रशिक्षित करेगा। इस एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) मंच पर कोरोना वायरस की सामान्य जानकारी, संक्रमण से सुरक्षा और रोकथाम, निजी सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल करना, अलग करने और रहने की प्रक्रिया, कोरोना वायरस के मामलों का प्रबंधन, प्रयोगशाला जांच के लिए नमूने जुटाना और परीक्षण करना, आईसीयू में देखभाल एवं वेंटिलेटर के प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।


राज्य के भीतर काम के लिये आने-जाने की अनुमति होगी


गृह मंत्रालय ने कहा है कि ‘लाकडाउन’ (बंद) के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे श्रमिकों को कुछ शर्तों के साथ राज्य के भीतर ही अपने संबंधित कार्य स्थलों पर आने-जाने की अनुमति दी जाएगी। गृह सचिव अजय भल्ला ने हालांकि, यह साफ किया है कि बंद के दौरान कामगारों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की अनुमति नहीं होगी। बंद की अवधि बढ़ाकर तीन मई की गयी है। भल्ला द्वारा जारी आदेश के अनुसार कोरोना वायरस के फैलने के कारण कृषि, निर्माण और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले कामगार अपने संबंधित कार्य स्थल से निकल गये और फिलहाल विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संचालित राहत कैंपों में हैं। आदेश के अनुसार चूंकि संक्रमण क्षेत्र के बाहर 20 अप्रैल से संशोधित दिशानिर्देशों के तहत अतिरिक्त गतिविधियों की अनुमति दी गयी है, ऐसे में ये कामगार औद्योगिक, विनिर्माण, निर्माण, कृषि और मनरेगा के तहत काम कर सकते हैं। राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भीतर उनकी आवाजाही के लिये निम्न दिशानिर्देशों का पालन किया जा सकता है।


पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर रहा है सीबीएसई


केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) कोविड-19 के कारण कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के समय को हुए नुकसान की भरपाई के लिए आगामी अकादमिक वर्ष से पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर रहा है। बोर्ड फिलहाल हालात और नुकसान का आकलन कर रहा है तथा इसी के अनुसार इस संबंध में कोई फैसला लिया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने पिछले हफ्ते कक्षा 1 से कक्षा 5 तक में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर की घोषणा की थी, क्योंकि वे लॉकडाउन के कारण घर पर पढ़ाई कर रहे हैं। परिषद उच्च कक्षाओं के लिए भी ऐसी ही योजना पर विचार कर रही है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'एनसीईआरटी ने कक्षा 1-8 के लिए संशोधित गतिविधि कैलेंडर पेश किया है। सीबीएसई समय को हुए नुकसान और हालात का आकलन कर रहा है ताकि कक्षा 9 से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाया जा सके।


पेशेवर जीवन के स्वरूप में महत्वपूर्ण बदलाव


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार ने पेशेवर जीवन के स्वरूप में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का काम किया है और इन दिनों घर, नया दफ्तर और इंटरनेट बैठक कक्ष बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कॉरपोरेट सोशल नेटवर्किंग साइट ‘लिंक्डइन’ पर कहा, ''मैं भी इन दिनों ऐसे बदलाव को अपना रहा हूं, चाहे मंत्रिमंडल सहयोगियों, अधिकारियों और दुनिया के नेताओं के साथ बैठक हो।’’ उन्होंने कहा कि वक्त की जरूरत है कि हम ऐसे कारोबार और जीवनशैली के मॉडल के बारे में सोचें, जिसे आसानी से अपनाया जा सकता है। मोदी ने कहा, ''ऐसा करने का मतलब है कि संकट के समय में हमारे दफ्तर, कारोबार और वाणिज्य तेजी से आगे बढ़ेंगे और यह सुनिश्चित होगा कि जीवन का नुकसान नहीं हो।’’ उन्होंने कहा कि आज दुनिया नये कारोबारी मॉडल तलाश रही है तथा युवा राष्ट्र अपनी नवोन्मेषी उत्साह के लिये जाना जाता है और यह नयी कार्य संस्कृति प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि भारत भौतिक और आभाषी तत्वों का सही मिश्रण है और यह कोविड-19 के बाद की दुनिया में जटिल आधुनिक एवं बहुराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला के केंद्र के रूप में उभर सकता है।


मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस मरीजों से संख्या बढ़कर 1407 हुई


मध्यप्रदेश में रविवार को कोरोना वायरस के पांच नए मरीज मिलने के बाद राज्य में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1407 पर पहुंच गयी है। राज्य सरकार के ताजा स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार कोरोना वायरस से तीन और लोगों की मौत हुई है। इसे मिलाकर अब तक मध्य प्रदेश में 72 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। इसमें सबसे अधिक 50 मौतें इन्दौर में हुई हैं। पिछले 24 घंटों में राजगढ़ जिले में कोरोना का एक मरीज पाया गया है। इससे राज्य के कुल 52 में से 26 जिलों में अब तक कोरोना वायरस महामारी ने अपनी दस्तक दे दी है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इन्दौर कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित है। यहां अब तक 890 कोरोना वायरस मरीज मिले हैं। प्रादेशिक राजधानी भोपाल में अब तक 214 कोरोना वायरस मरीज मिले हैं। राज्य में अब तक कोरोना वायरस के 131मरीज उपचार के बाद स्वस्थ्य भी हो चुके हैं। इनमें सबसे अधिक 71 लोग इन्दौर के और इसके बाद 31 लोग भोपाल के अस्पताल से छुट्टी पाकर अपने घर जा चुके हैं।


कहीं चिकन बिरयानी तो कहीं गर्म समोसे की मांग


दिल्ली में कोरोना वायरस से संबंधित निषिद्ध क्षेत्रों और पृथकवास केंद्रों में तैनात अधिकारियों से लोग चिकन बिरयानी, मांस, पिज्जा, मिठाई और गर्म समोसे की मांग कर रहे हैं। इन मांगों से अधिकारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस के प्रसार के चलते निषिद्ध घोषित किए गए क्षेत्रों में लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है और इन क्षेत्रों में सरकार आवश्यक चीजों की आपूर्ति घरों तक सुनिश्चित करा रही है। किसी क्षेत्र के निषिद्ध क्षेत्र घोषित होने के बाद प्रशासन और पुलिस के अधिकारी व्हाट्सएप समूह बनाते हैं जहां लोग आवश्यक और जरूरी चीजों का आग्रह करते हैं और अधिकारी घर तक उन वस्तुओं की आपूर्ति कराते हैं। बाहरी दिल्ली के नरेला में सरकार संचालित पृथकवास केंद्र में तैनात एक अधिकारी ने बताया कि वहां अनेक लोग अधिकारियों से चिकन बिरयानी और मांस उपलब्ध कराने को कहते हैं। इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नौ निषिद्ध क्षेत्रों वाली दक्षिण दिल्ली में कुछ लोग पिज्जा और गर्म समोसे की मांग करते हैं।

 

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दुनिया भर में 1,60,000 से अधिक लोगों की मौत


दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर 1,60,685 हो गई। आधिकारिक स्रोतों से एएफपी द्वारा संकलित आंकड़े के अनुसार यह जानकारी सामने आयी। चीन में गत वर्ष दिसम्बर में पहली बार इस वायरस से संक्रमण का मामला सामने आया था। तब से इस वायरस से 193 देशों और क्षेत्रों में 2,334,130 से अधिक मामले सामने आये हैं। इन मामलों में से कम से कम 5,18,900 के बारे में माना जाता है कि वे अब पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। राष्ट्रीय प्राधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सूचना से एएफपी द्वारा एकत्रित आंकड़ा, संभवतः संक्रमणों की वास्तविक संख्या का केवल एक हिस्सा भर ही दर्शाता है। कई देश अत्यंत गंभीर मामलों में ही जांच कर रहे हैं। अमेरिका इस महामारी से अब सबसे अधिक प्रभावित देश है। अमेरिका में 39,090 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के 7,35,287 मामले सामने आये हैं। कम से कम 66,819 मरीज स्वस्थ हो गए हैं। इसके बाद इटली सबसे अधिक प्रभावित देश हैं जहां 23,227 मौतें और संक्रमण के 1,75,925 मामले हैं। इसके बाद स्पेन में 20,453 मौतें हुई हैं और संक्रमण के 1,95,944 मामले सामने आये हैं। फ्रांस में 19,323 मौतें हुई हैं और संक्रमण के 151,793 मामले सामने हैं। ब्रिटेन में 15,464 मौतें हुई हैं और 114,217 मामले सामने आये हैं। चीन ने हांगकांग और मकाऊ को छोड़ कर 4,632 लोगों की मौतें हुई हैं और 82,735 मामले घोषित किये हैं। यूरोप में अभी तक 1,01,493 मौतें हुई हैं और संक्रमण के 1,153,148 मामले सामने आये हैं। अमेरिका और कनाडा को मिला कर 7,68,670 मामले सामने आ चुके हैं और 40,619 लोगों की मौतें हुई हैं। एशिया में 162,256 मामले और 6,951 मौतें, पश्चिम एशिया में 122,819 मामले और 5,559 मौतें, लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों में 98,202 मामले और 4,915 मौतें, अफ्रीका में 21,165 मामले और 1,058 मौतें और ओशिआपस में 7,879 मामले सामने आये हैं और 90 लोगों की मौतें हुई हैं।


बोरिस जॉनसन ने कामकाज संभालना शुरू किया


अस्पताल में कोविड-19 का उपचार कराने के बाद दक्षिण पूर्व इंग्लैंड के चेकर्स में स्वास्थ्य लाभ ले रहे प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सरकार का कामकाज संभालना शुरू कर दिया है। द संडे टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक जॉनसन ने विदेश मंत्री और उनका कार्यभार देख रहे डोमिनिक राब सहित अपने मंत्रिमंडल को निर्देश देना शुरू कर दिया है। अभी वह डाउनिंग स्ट्रीट से दूर रह रहे हैं और आने वाले दिनों में पूरी तरह से बागडोर संभालने की तैयारी कर रहे हैं। अखबार के मुताबिक 55 वर्षीय जॉनसन ने पिछले हफ्ते राब और अन्य वरिष्ठ सहयोगियों को फोन कॉल के जरिये निर्देश दिया जिसके बाद उन्होंने शुक्रवार को अपने उप राब और कर्मचारियों के साथ करीब साढ़े तीन घंटे तक बैठक की। ब्रिटेन के समुदाय मामलों के मंत्री रॉबर्ट जेनरिक ने शनिवार को यहां डॉउनिंग स्ट्रीट पर दैनिक ब्रीफिंग में पत्रकारों को बताया, ''वह (जॉनसन) कुछ मंत्रियों के संपर्क में हैं लेकिन अधिकतर समय वह डॉउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री आवास) में अपने निजी कार्यालय के संपर्क में रहते हैं।’’ अखबार ने सूत्रों को उद्धृत करते हुए कहा कि कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ होने पर एक हफ्ते पहले उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली है और वह स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं लेकिन वह सरकार को निर्देश देने में अधिक सक्रिय हैं। खबर है कि राब प्रधानमंत्री जॉनसन से मिलने चेकर्स आए थे और उनके साथ जॉनसन के मुख्य सलाहकारी डोमिनिक कुमिंग्स और कम्युनिकेशन (संप्रेषण) निदेशक ली कैन भी थे। गत रविवार अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पहली बार जॉनसन ने रॉब और अपने सलाहकारों से आमने-सामने बात की थी।


-नीरज कुमार दुबे


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