By अंकित सिंह | Jan 21, 2021
कृषि कानूनों को लेकर किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच अब तक 10 दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि सभी बातचीत बेनतीजा रही हैं। इन सब के बीच 26 जनवरी को देखते हुए किसानों ने अपने प्रदर्शन को तेज करने का ऐलान किया है। हालांकि 26 जनवरी ऐसा दिन होता है जब देश की आन-बान-शान का राजपथ पर प्रदर्शन होता है। लेकिन उसी दिन अब किसानों ने भी ट्रैक्टर परेड निकालने का ऐलान कर दिया है। 55 दिन से चल रहे किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले किसान संगठनों ने ऐलान कर दिया है कि वह 26 जनवरी को दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे।
इस परेड पर रोक लगाने के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जरिए प्रयास जरूर किया था लेकिन वह नाकाम साबित हुआ। अब इस परेड को रोकने के लिए गेंद पूरी तरह से दिल्ली पुलिस और सरकार के हाथ में है। एक ओर किसान 26 जनवरी के दिन दिल्ली में परेड निकालने के लिए अड़े हुए हैं तो वहीं सरकार उन्हें इसे निरस्त करने को लेकर मनाने की कोशिश कर रही है। किसान संगठन दिल्ली पुलिस से भी इसकी की इजाजत लेने की कोशिश कर रहे है। हालांकि अब तक इजाजत नहीं दी गई है। किसान संगठनों ने ट्रैक्टर परेड को खास बनाने के लिए कुछ तैयारियां भी की हैं। इस साल 26 जनवरी के दिन आपको दो झांकियां देखने को मिल सकती है। एक झांकी जो राजपथ पर होगी, दूसरी किसान अपने ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शित करेंगे।
किसान अपने ट्रैक्टर परेड को खास बनाने के लिए अलग-अलग तरह की तैयारियां कर रहे हैं। किसान संगठन पूर्व सैनिकों के साथ एक खाका तैयार कर रहे हैं जिसमें 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड को लेकर तैयारियों पर विचार विमर्श किया जा रहा है। एक किसान नेता ने बताया कि जिस तरह 26 जनवरी के दिन राजपथ पर झांकियां प्रस्तुत की जाती है, वैसे ही इस बार ट्रैक्टर परेड के दौरान हम अपनी झांकियां प्रस्तुत करेंगे जिसमें किसानों की वर्तमान स्थिति को दिखाने की कोशिश की जाएगी। झांकी में अलग-अलग राज्यों के किसान शामिल होंगे। वह किसान अपनी वेशभूषा में रहेंगे। हर ट्रैक्टर पर तिरंगा झंडा और किसानों का झंडा रहेगा और साथ ही साथ देश भक्ति गीत बजेंगे।
ट्रैक्टर परेड में पूर्व सैनिक मेडल विजेता, खिलाड़ी और महिलाओं के अलावा किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजन भी मौजूद रहेंगे। इसके लिए इन लोगों को आमंत्रण पत्र भेजे जा चुके है और बातचीत लगातार जारी है। किसान संगठनों ने स्थानीय लोगों से भी अनुरोध किया है कि वह सड़क पर आए और इन झांकियों का आनंद लें। किसान नेताओं ने साफ किया कि इन झांकियों के लिए किसी वीआईपी टिकट या निमंत्रण टिकट लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। हालांकि, किसान नेताओं ने इस बात को साफ किया किया आम लोगों की जीवन शैली को दिखाने के लिए परेड होगा। इसका मकसद किसी तरह का विरोध प्रदर्शन करना नहीं है। परेड में अनुशासन बनाए रखने की कोशिश होगी।