अस्पतालों को शव ले जाने की सुविधा मुहैया कराने की शर्त पर मिले लाइसेंस: जावेद अली

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 26, 2019

नयी दिल्ली। समाजवादी पार्टी के एक सदस्य ने अस्पतालों से मृत देह को ले जाने की सुविधा के अभाव में निर्धन लोगों की शव को कभी कंधे पर तो कभी किसी अन्य तरीके से ले जाने की मजबूरी का जिक्र करते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि अस्पतालों को लाइसेंस देने से पहले शर्त रखी जानी चाहिए कि वे एक निश्चित किलोमीटर की दूरी तक पार्थिव शरीर ले जाने की सुविधा मुहैया कराएंगे।शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए सपा के जावेद अली खान ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब अस्पतालों की ओर से मृत देह को ले जाने की सुविधा नहीं दी गई और निर्धन लोगों को कभी कंधे पर, कभी साइकिल या मोटरसाइकिल पर और कभी ठेले पर शव को बांध कर ले जाना पड़ा।

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उन्होंने ओडिशा के कालाहांडी में एक व्यक्ति द्वारा अपने परिजन के शव को सिर पर रख कर कई किलोमीटर तक पैदल चल कर अंतिम संस्कार के लिए जाने की एक घटना का जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि शव की हड्डियां तोड़ कर गठरी बना कर ले जाने की घटना भी सामने आई है। खान ने कहा ‘‘यह अत्यंत हृदय विदारक है।’’उन्होंने ओडिशा सरकार को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अस्पतालों से घर तक शव ले जाने के लिए नि:शुल्क वाहन सुविधा मुहैया कराने की खातिर ‘‘महाप्रयाण’’ योजना चलाई है।खान ने कहा कि अस्पतालों को कम से कम एक या दो शव वाहन रखने चाहिए ताकि मृत देह को उसके घर तक पहुंचाया जा सके।उन्होंने यह भी कहा कि अस्पतालों को लाइसेंस देने से पहले शर्त रखी जानी चाहिए कि वे एक निश्चित किलोमीटर की दूरी तक पार्थिव शरीर ले जाने की सुविधा मुहैया कराएंगे।

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