By अंकित सिंह | Jul 09, 2022
जम्मू कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ की वजह से 16 लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई लोग घायल हुए हैं। अभी भी कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। यही कारण है कि तलाशी अभियान काफी तेजी से चलाई जा रही है। इन सबके बीच जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राहत और बचाव कार्य को लेकर आज एक उच्च स्तरीय बैठक की है। जम्मू कश्मीर राज्यपाल के कार्यालय के मुताबिक जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा ने अमरनाथ गुफा में चल रहे बचाव और राहत अभियान की समीक्षा के लिए आज एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस घटना में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि देने के लिए बैठक में दो मिनट का मौन रखा गया। इसके साथ ही दावा किया गया कि श्रद्धालुओं को प्रशासन सभी सुविधाएं दे रहा है।
इसके अलावा उपराज्यपाल के कार्यालय ने बताया है कि बचाव और राहत कार्य जोरों पर है। कम से कम समय में मलबा हटाने के लिए सेना, वायु सेना, सीएपीएफ, एनडीआरएफ की टीमें सराहनीय काम कर रही हैं। उपराज्यपाल ने यात्रियों से शिविरों में रहने का अनुरोध किया है और कहा है कि हम यात्रा को जल्द से जल्द बहाल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। बालटाल में CRPF की IG चारू सिन्हा ने बताया कि NDRF, SDRF, CRPF आर्मी सहित कई टीमें राहत कार्य में लगी हुई हैं। मलबे में खोजबीन की जा रही है। पहाड़ी क्षेत्रों में भारी उपकरणों को लेकर जाना हमेशा से चुनौती रहती है। फिलहाल आज के लिए यात्रा रोकी गई है मौसम ठीक होने पर कल या परसों से यात्रा शुरू होगी।
अधिकारियों ने बताया कि वहां फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को निचले आधार शिविर पंजतरणी ले जाया गया है और 25 घायलों को अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि बादल फटने के चलते अचानक आई बाढ़ का पानी शुक्रवार दोपहर तंबू और सामुदायिक रसोई में घुस गया और वे स्थान भूस्खलन की चपेट में भी आ गये। सेना के एक अधिकारी के अनुसार, पर्वतीय तलाश दल, बचाव दल और खोजी श्वान को तलाश व बचाव अभियान में लगाया गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एयर विंग के एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर को बचाव अभियान में लगाया गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बचाव कार्यों के लिए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर भी तैनात किए हैं।